अंगूर को अंग्रेजी में Grapes कहते है और इसका साइंटिफिक नाम Vitis Vinifera है। ये फल बेलों पर बड़े-बड़े गुच्छों में आता है और यह अनेको रंगो में पाया जाता है जैसे – हरा, काला, बैंगनी, लाल, आदि। भारत में हरा रंग का अंगूर ही ज्यादा खाया जाता है।
अंगूर की तासीर कैसी होती है या क्या होती है ?
काले और हरे अंगूर की तासीर ठंडी होती है इसीलिए इसका उपयोग अधिकतर गर्मियों में किया जाता है और पकने पर यह तासीर में ठंडा, मीठा और दस्तावर होता है परन्तु कच्चा होने पर यह खट्टा लगता है। इसमें जल, शर्करा, सोडियम, पोटेशियम, पोटेशियम सल्फेट, साइट्रिक एसिड, फलोराइड, मैगनेशियम और लौह तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं और विटामिन A अच्छी मात्रा में होने से अंगूर को खाने से भूख बढ़ती है।
अनेकों समस्याओं में अंगूर खाने से होने वाले लाभ
अंगूर खाने के और अनेको लाभ होते है जैसे – पाचन तंत्र के लिए लाभदायक होता है, आँखों के लिए भी अच्छा होता है, बालों एवं त्वचा को चमकदार बनाता है, एंटी कैंसर गुणों से भरपूर होता है, कब्ज में भी लाभदायक होता है और भी अनेको प्रकार के रोगो में फायदा पहुँचाता है।
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Q. अंगूर ज्यादा खाने से क्या होता है ?
Ans. इसका ज्यादा मात्रा में सेवन करने से आपको एसिडिटी की शिकायत हो सकती है क्योंकि इसमें अम्लीय तत्त्व ज्यादा पाया जाता है और इसको रात में सेवन करने से बचे।
तो ये आपने जाना अंगूर की तासीर(Angoor Ki Taseer) कैसी होती है।