December 11, 2024
bimari hone ke karan aur kya hoti hai bimari

बीमारी क्या होती है और बीमारी होने के कौन से कारण होते है ?

बीमारी क्या होती है ? और बीमारी होने के कारण क्या होते है ?

ये दोनो प्रश्न ही बहुत उत्तम है लेकिन एक बात जान लेना आवश्यक है की कारण का कोई अंत नहीं है जैसे सबसे बड़ा और सबसे छोटा कुछ नहीं होता है वैसे ही सबसे बड़ा या सबसे छोटा कारण भी कोई नहीं होता है।

वास्तव में कारण का मतलब क्या होता है ?

मूल कारण तत्त्व को समझना लगभग नामुमकिन सा ही है। जब हम किसी भी चीज का मूल कारण जानने का प्रयास करेंगे तो हम सब एक ही बिंदु पर जाकर रुकेंगे फिर चाहे हम किसी भी रास्ते का प्रयोग करें। क्योंकि इस समस्त सृष्टि का मूल कारण तत्त्व एक ही है।

नोट : यहाँ पर जो हम बाते बता रहे है वो अधूरी है क्योंकि समय का अभाव होने के कारण मैं ठीक प्रकार से लिखकर अभी आपको नहीं समझा सकता हूँ। लेकिन फिर भी आप को अच्छी जानकारी मिल जाएंगी।

bimari hone ke karan aur kya hoti hai bimari

हम जिन कारण की आम तौर पर बात करते है वो सिर्फ समुद्र की अनंत बूंदो में से एक है। तो आप अंदाज़ा लगा सकते है की कितने छोटे कारण की हम बात करते है।

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Allopathy में – अगर कोई MBBS डॉक्टर है तो वे ज्यादातर बीमारी का कारण सूक्ष्म जीवो को मानते है जैसे – Bacteria, Virus, Protozoa, etc या फिर Chemical Reactions या कुछ अन्य भौतिक चीज़ो को। और इनके हिसाब से ही वे इलाज़ करते है।

Homoeopathic चिकित्सा में बीमारी के लक्षण के अनुसार इलाज किया जाता है।

Accupressure चिकित्सा में बीमारी के अनुसार कुछ संवेदनसील जगहों पर दबाब डालकर मालिश के द्वारा इलाज किया जाता है।

यहाँ तक की जैसे जड़ी-बूटी से बीमारी का इलाज किया जाता है। वैसे ही जानवरों के खाने से भी इलाज होता है। तो ये हो गए शाकाहारी और माँसाहारी इलाज और आदिवासी लोग तो कुछ बिमारिओं का इलाज बस शरीर में कुछ चीज़ो को बांधकर ही कर देते है।

ये तो सिर्फ कुछ ही यहाँ पर लिखे है इनसे अलग भी अनगिनत इलाज की विधिया है और आज के समय में तो शहरो में कितनी ही तरह से इलाज के सेंटर्स खुले होते है परन्तु फिर भी लोग एलोपैथी की तरफ को ज्यादा भागते है क्योकि बिलकुल तुरंत दर्द से छुटकारा चाहिए।

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मैं तो आपको ये परामर्श दूंगा की जब बीमार हो तो आप एलोपैथी की दवाईये खा लें लेकिन बाद में आयुर्वेदिक उपचार अवश्य करें। तो ऐसा करने से आपके दोनों हाथो में लड्डू रहेंगे। बाद में आयुर्वेदिक उपचार करने से बीमारी की जड़ चली जायेगी और जो एलोपैथी से शरीर में नुकसान हुआ है जिसका व्यक्ति को पता नहीं चलता है वो भी जल्दी ठीक हो जाएगा।

ये जितनी भी इलाज की विधिया है और कारण है ये सभी अपने अपने हिसाब से मरीज़ो को ठीक करते है तो इसका मतलब ये है की सभी के कारण और इलाज लगभग ठीक ही है। बस इतना फर्क हो जाता है की अगर Emergency हो तो एलोपैथी से इलाज कर लो और अगर कोई लम्बी बीमारी हो तो अन्य तरीको से इलाज कर सकते है।

इतनी चिकित्सा की विधिये होते हुए भी रोगों का इलाज ठीक से नहीं हो पा रहा है इसीलिए मरीजों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है और Hospital में मरीजों की Files मोटी होती चली जाती है पर Bimari पतली नहीं होती।

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