धनिया को अंग्रेजी में Coriander कहते है। धनिया खाने के बहुत ज्यादा फायदे है। दो प्रकार से धनिया का उपयोग किया जाता है – हरा धनिया और सूखा धनिया पाउडर। दाल – साग के मसालों का यह अत्यन्त ही महत्वपूर्ण पदार्थ है। मसाले के रूप में धनिया का बहुत ज्यादा उपयोग होता है।
रसोई में धनिये का प्रतिदिन उपयोग होता है । दाल – साग में यह सुगन्ध लाता है । यदि घर में ताजा हरा धनिया उगाना हो तो गमले में मिट्टी डालकर धनिया बो देने से कुछ ही दिनों में वह उग आता है । इस प्रकार उगाने से ताजा हरा धनिया प्राप्त हो जाता है । हरा धनिया रुचिवर्धक और पाचक होता है। दाल – साग में या किसी भी सब्जी में हरे धनिये को बारीक काटकर डाला जाता है । दाल – साग या सब्जी पक जाने पर सब्जी को चूल्हे से नीचे उतारने के बाद ही धनिया डालना चाहिए।
धनिया कसैला , हल्का , कड़वा , तीखा , अग्निप्रदीपक , पाचक , ज्वरनाशक , रूचि उत्पादक , मलरोधक और त्रिदोषनाशक है । यह तृषा, , उलटी , श्वास , खाँसी , दुर्बलता और कृमिरोग को मिटाता है । कुछ जगह साबुत धनिया को गिरी भी बोलते है।
‘ सुश्रूत ‘ के अनुसार सर्व ज्वरनाशक , दीपक , दाहशामक , अरुचिनाशक और वमन बन्द करने वाला है । ‘ वाग्भट्ट ‘ कफ प्रधान , श्लीपद रोग पर हरे या सूखे धनिये को पीसकर चटनी बनाकर लेप करने की सलाह देते हैं ।
यूनानी हकीम लोग , धनिया को छाती में से कफ निकालने वाला , नींद लाने वाला , पेशाब अधिक लाने वाला , पेट दर्द नष्ट करने वाला , बदहज्मी में भी धनिया को हितकारी मानते हैं ।
नोट- जिन्हें यौनशक्ति दौर्बल्य हो , वे लोग धनिया न खाएँ ।
धनिया खाने के फायदे –
दस्त व कब्ज में सूखा धनिये के फायदे –
हरा धनिया , काला नमक , काली मिर्च मिलाकर चटनी बनाकर चाटने से लाभ मिलता है । यह चटनी सुपाच्य रहती है । वमन में धनिए को मिश्री के साथ खाने से लाभ मिलता है । पिसे हुए धनिए को सेंककर 1-1 चम्मच पानी से फंकी लेने से दस्त आना बन्द हो जाते हैं । दस्तों में – आँव , मरोड़ , उल्टी , गर्भवती की उल्टी आना बन्द हो जाती हैं ।
गले में दर्द व जलन में लाभदायक –
ऐसी दशा में 3-3 घण्टे के अन्तर से 2 चम्मच सूखा साबुत धनिया चबा – चबाकर उसका रस चूसते रहना चाहिए । स्वाद के लिए मिश्री चबा सकते हैं । इस तरह खाने से प्रत्येक प्रकार के गले के दर्द में लाभ होता है।
शरीर की जलन में फायदे –
रात को 4 चम्मच धनिया और इतने ही चावल पानी में भिगो दें । इन्हें प्रातः गर्म करके खाने से अथवा रात को धनिया भिगो दें और प्रातःकाल मिश्री डालकर पीसकर छानकर पीएँ । इससे शरीर की गर्मी और पेट की जलन नष्ट होती है ।
मूत्र में जलन होने पर फायदे –
यदि तेज प्यास , पेट , शरीर या मूत्र में जलन हो तो 15 ग्राम सेवन करें । इस प्रयोग से हृदय की धड़कन ठीक हो जाती है । धनिया और आँवला रात धनिया रात्रि में भिगो दें । प्रातः समय उसे ठण्डाई की भाँति पीसकर मिश्री मिलाकर में भिगोकर प्रातःकाल मसलकर पीने और खाने से भी मूत्र की जलन दूर हो जाती है ।
दमा और खाँसी में लाभ –
दमा और खाँसी में धनिया और मिश्री पीसकर चावलों के पानी के साथ सेवन करें। इस प्रकार खाने से अच्छे फायदे मिलते है।
चेचक की गर्मी में फायदे –
चेचक की गर्मी को निकालने के लिए धनिया और जीरा पानी में रात के समय मिट्टी के बर्तन में भिगो दें और प्रातःकाल उस पानी में चीनी मिलाकर पिलाएँ । इस प्रयोग से मल साफ़ आता है और गर्मी शान्त होती है ।
गर्मी के रोग में भी फायदेमंद –
रात के समय मिट्टी के बर्तन में 2 गिलास पानी में 5 चम्मच सूखा धनिया भिगो दें । प्रातःसमय इसमें स्वाद के अनुसार मिश्री मिलाकर पीने और खाने से फायदे होते है । गर्मी के रोग ठीक हो जाएँगे लाभ होगा।
अनिद्रा के रोग में लाभ –
नींद कम आने पर हरा धनिया पीसकर उसमें चीनी और पानी मिलाकर पीएँ और खाये। इससे अच्छी नींद आती है । आँखों के आगे अन्धेरा आना और सिरदर्द बन्द हो जाता है और भी फायदे हैं।
अतिरजः में धनिये के फायदे –
20 ग्राम धनिया 200 ग्राम पानी में डालकर उबालें । जब 50 ग्राम पानी शेष रह जाए तो छानकर मिश्री मिलाकर रोगिणी को सेवन करा दें । इस प्रयोग से मासिकधर्म में अधिक रक्त आना बन्द हो जाता है ।
स्वप्नदोष में धनिये के फायदे –
धनिये को पीसकर अर्थात धनिया पाउडर और मिश्री मिलाकर ठण्डे जल से सेवन करने से स्वप्नदोष , मूत्रजलन , सुजाक और उपदंश में लाभ होता है । जो लोग चाहते हैं कि काम वासना अधिक न सताए वे लोग 2 ग्राम सूखा धनिया पीसकर पानी मिलाकर कुछ तक पीएँ अथवा सूखा धनिया कूटकर पीसकर छान लें । इसमें समान मात्रा में पिसी हुई चीनी मिलाएँ । प्रातःकाल खाली पेट बासी पानी से एक चम्मच भर की मात्रा में खाने से स्वप्नदोष में और पेट की समस्या में फायदे मिलते है और 1 घण्टे तक कुछ भी न खाएं- पीएँ ।
मुँह से दुर्गन्ध आना में धनिये का सेवन करें –
हरा धनिया खाने से मुँह में सुगन्ध रहती है । प्याज , लहसुन आदि गन्ध वाली चीजें खाने के पश्चात् हरा धनिया खाने मुँह से बदबू नहीं आती है।
रक्तातिसार मतलब खूनी पेचिस में धनिया लाभदायक होता है –
15 ग्राम धनिया पीसकर उसमें 12 ग्राम मिश्री मिलाकर पानी में घोलकर पिए।
खाने के तुरन्त बाद दस्त होना की स्थिति में –
धनिये में काला नमक मिलाकर भोजन के बाद एक चम्मच खाने से खाना खाने के बाद दस्त जाने की आदत छूट जाती है । घोलकर पीने से दस्त में रक्त आना रुक जाता है ।
बालकों के पेट दर्द में फायदा –
आँव , बदहज्मी हो तो धनिया और सोंठ का काढ़ा पिलाएँ ।ऐसा करने से लाभ होगा ।
छींके अधिक आने में फायदा –
अगर किसी को छींक अधिक आ रही हो तो ऐसी स्थिति में धनिए की पत्तियाँ सूँघें।
उल्टी होना में धनिये के फायदे –
उल्टी होने पर सूखा या हरा धनिया कूटकर उसका पानी निचोड़कर 5 चम्मच बार – बार पिलाने से उल्टी आना रुक जाती है । इस प्रयोग से गर्भवती स्त्री की उल्टी भी मिट जाती है ।
लू लगने पर –
गर्मी के मौसम में चलने वाली गर्म हवा ( लू ) से बचने के लिए धनिए के पानी में चीनी मिलाकर सेवन करें ।
गर्मी के कारण सिरदर्द में फायदे –
सूखा धनिया , 10 ग्राम , गुठली रहित सूखा आँवला 5 ग्राम लेकर रात के समय मिट्टी के एक पात्र में भिगो दें और प्रातःकाल मलकर मिश्री मिलाकर छानकर खाने से सिरदर्द में फायदा होता है ।
सिर में चक्कर , उल्टी व गर्भवती की उल्टी में लाभ –
सिर में चक्कर , उल्टी व गर्भवती की उल्टी में धनिया उबालकर मिश्री मिलाकर पीने व खाने से लाभ होता है ।
गंजापन में लाभदायक –
जिनके बाल कम हो गए हो तो सिर पर हरे धनिये का रस लगाने से बाल निकलने लगते हैं ।
मस्तिष्क की कमजोरी में धनिया के फायदे –
125 ग्राम धनिया कूटकर 500 ग्राम पानी में उबालें । जब पानी चौथाई रह जाए तो छानकर 125 ग्राम मिश्री मिलाकर फिर गर्म करें । जब गाढ़ा हो जाए तो उतार । इसे प्रतिदिन 10 ग्राम खाने से फायदे होते है। मस्तिष्क की कमजोरी से आने वाला आँखों के आगे अन्धेरा , जुकाम आदि कष्ट दूर होंगे ।
नक्सीर में धनिये के फायदे –
जिनकी नाक से खून आता हो तो हरे धनिए का रस सूँघने और हरे धनिए की पत्तियों को पीसकर सिर पर लेप करने से गर्मी के कारण से नाक से बहने वाला रक्त रुक जाता है अथवा धनिया रात को भिगो दें । प्रातःकाल पीसकर मिश्री मिलाकर पीने से नक्सीर आना बन्द हो जाती है ।
पेट में गैस बनने पर धनिये से फायदा होता है –
जिनके पेट में गैस से समस्या हो रही हो तो 2 चम्मच सूखा धनिया 1 गिलास जल में उबालकर छानकर उस पानी को 3 बार पीने से लाभ होता है ।
अरुचि में धनिये का प्रयोग करें –
धनिया , छोटी इलायची और काली मिर्च समान मात्रा में पीसकर चौथाई चम्मच घी और चीनी में मिलाकर सेवन करने से अरुचि दूर हो जाती है ।
यदि भूख कम लगती हो तो –
यदि भूख कम लगे तो हरे धनिए का रस 30 ग्राम नित्य पीने से भूख लगने लग जाती है ।
अपच की स्थिति में धनिये के फायदे –
जिसे भोजन न पचता हो , जल्दी ही टट्टी जाना पड़ता हो 60 ग्राम सूखाधनिया , कालीमिर्च और नमक 25-25 ग्राम लेकर तीनों को पीसकर भोजन के बाद आधा चम्मच ताजे जल से खाएँ , लाभ होगा ।
मलेरिया में फायदा –
धनिया और सोंठ दोनों पिसे हुए आधा – आधा चम्मच मिलाकर नित्य 3 बार पानी से लेने से प्रत्येक प्रकार का ठण्ड देकर आने वाला बुखार मिटता है ।
पेटदर्द में लाभदायक –
इस कष्ट में धनिये का शर्बत लाभप्रद है । 2 चम्मच धनिया 1 कप पानी में गर्म करके पीएँ । पेट की समस्याओं में फायदे मिलेंगे।
धनिये का उपयोग खूनी बबासीर में –
4 चम्मच धनिया 250 ग्राम दूध में उबालकर व छानकर पिसी हुई मिश्री मिलाकर पीएँ अथवा मिश्री मिलाकर धनिया का रस पीएँ ।
आँखों की रोशनी बढ़ाने में फायदा –
हरा धनिया अकेला अथवा आँवले के साथ पीसकर खाने से आँखों की कमजोरी दूर होकर नेत्र ज्योति बढ़ती है ।
मोतियाबिन्द में फायदे –
धनिए को साफ करके कूटकर महीन कर लें । थोड़ा – सा धनिया पानी में उबालें । फिर ठण्डा करके कपड़े में छानकर नेत्रों में डालें लाभ होगा । बाँधकर ठण्डे पानी में डुबो दें । 10 मिनट बाद निकालकर उसे बच्चे की आँखों पर फेरें ।
बच्चों की आँखें दुखना प्रयोग करें –
थोड़ा – सा साबुत धनिया साफ कपड़े में पोटली मिलाकर छालों पर डालने से लाभ होता है एवं लार भी ठीक निकलती है ।
मुँह में छाले हो गए हो तो –
धनिए का महीन चूर्ण , बोरेक्स अथवा खाने वाले सोडे में मिलाकर छालो पर लगाए। दिन में 2-3 बार ऐसा करें।
सूखा धनिया खाने के फायदे के कुछ अन्य सरल प्रयोग :
• 5 gm धनिया को उबालकर उसमें दूध और शक्कर डालकर चाय बनाकर प्रतिदिन प्रातःकाल पीने से पाचन क्रिया में सुधार होता है ।
• धनिया , सोंठ , शर्करा और नागरमोथा ( प्रत्येक 5 gm ) लेकर 320 gm पानी में उबालें । 80 gm पानी शेष रहने पर छान लें । यह पानी पिलाने से सगर्भा स्त्रियों की उल्टी अथवा अन्य किसी भी कारण से किसी को होने वाली उल्टी बन्द हो जाती है ।
• धनिया और शर्करा को चावल के माँड में पिलाने से बच्चों की खाँसी और साँस मिटती है ।
• हरे धनिए का रस निकालकर उसको छानकर 2-2 बूंदें आँखों में सुबह – शाम डालने से दुखती आँखों को लाभ होता है । आँखों की फुन्सियाँ , फूली , पपड़ी आदि दूर होती है एवं चश्मा का नम्बर उतरता है ।
• धनिए को जौ के आटे के साथ पीसकर उसकी पुल्टिश बाँधने से बहुत वि दिनों की सूजन उतर जाती है।
Coriander Benefits : Tata 1mg …
तो ये हमने जाना 30 से भी ज्यादा Dhaniya Khane Ke Fayde. हम आशा करते है की आपको ये लेख पसंद आया होगा। कृपया यदि आप कुछ और कहना चाहते है तो कमेंट बॉक्स में कमेंट करें।