आम को अंग्रेजी में Mango कहते है और इसका वैज्ञानिक नाम Mangifera Indica है। अपने देश भारत में इसकी अनेक नस्ले या किस्मे पायी जाती है जैसे – लंगड़ा, चौसा, दशहरी, फज़ली, बम्बई, अल्फांजो, हिम सागर, केशर, किशन भोग, मलगोवा, नीलम, सुर्वन रेखा, वनराज, जरदालू, इत्यादि।
आम की तासीर क्या होती है ?
कच्चे और पके हुए आम की तासीर अलग-अलग होती है। इनके अंदर एक तरल पदार्थ निकलता है जिसे चैपा कहते है और यह आपकी त्वचा के स्पर्श में आने पर आपको खुजली,दाद,आदि समस्याएं हो सकती है इसीलिए इससे बच कर रहना चाहिए। तो चलिए जानते है आखिर क्या-क्या होती है इनकी प्रकृति –
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कच्चा आम की तासीर क्या होती है ?
कच्चे आम की तासीर ठंडी होती है। यह स्वाद में खट्टा भी हो सकता है और मीठा भी इसके नस्ल पर निर्भर करता है की इसका स्वाद कैसा होगा।
पका आम की तासीर क्या होती है ?
पके हुए आम की तासीर गर्म हो जाती है। कुछ नस्ल को छोड़कर ज्यादातर सभी आम पकने के बाद मीठे ही लगते है। इन्हे खाने से पहले इन्हे दबाकर इनका चैपा निकाल लेना चाहिए। कुछ किस्मो में यह अधिक पाया जाता है।
बीमारियों में आम खाने के कुछ आश्चर्यजनक लाभ
आम अनेक पोषक तत्वों से भरपूर होता है जैसे – विटामिन A, विटामिन C, कॉपर, फोलेट, कैल्शियम, मैग्नीशियम आदि इसीलिए इसे खाने से अनेक रोगों में लाभ होता है। इसे खाने से या आमरस पीने से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होती होती है, आपके हृदय को मजबूती मिलती है, पेट साफ़ होता है किन्तु एक साथ यदि ज्यादा खा लें तो पेट ज्यादा साफ़ हो सकता है मतलब अस्थायी दस्त हो सकते है। आम खाने से अनेको बीमारियों में लाभ होते है।
ध्यान रखें अगर आप ज्यादा आम खाते है तो आपको फोड़े, फुंसी, चेहरे पर दाने जैसी शिकायते हो सकती है क्योंकि इससे शरीर में गर्मी बढ़ती है।
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Q. क्या Diabetes में आम खा सकते है ?
Ans. Diabetes में इस फल को खाने से आपकी शुगर कुछ समय के लिए बढ़ सकती है इसीलिए हो सके तो आप पका हुआ आम नहीं खाये।