मेथी दाना खाने के अनेक फायदे है और इसके बीज को मेथी दाना कहते है।इसका लेटिन नाम Trigonella Forenum-Graecum है और इसे अंग्रेजी में Fenugreek कहते है। दाल – साग में इसका उपयोग होता है। वातनाशक औषधि के रूप में भी इसका उपयोग होता है । इसका एक प्रकार “जंगली या लाल” मैंथी के रूप में भी है और यह जंगल में बहुतायत से उग आती है, किन्तु यह अल्पगुण वाली होती है।
मेथी का पानी पीने के फायदे जानकार रह जाएंगे दंग ( Video देखें ):
मसाले के रूप में दाने वाली मैंथी का दूसरा मुख्य उपयोग हरी भाजी के रूप में होता है।इसकी भाजी में खून साफ करने का विशिष्ट गुण है। इसलिए यह शारीरिक स्वास्थ्य के लिए उपयोगी और हितकर मानी जाती है। वायु संबंधी कष्ट न हो, इसके लिए जाड़ों की ऋतु में मैथी के लड्डू बनाकर खाते हैं। वात रोग में इसका आटा छाछ में मिलाकर पीते हैं।
कच्चे आम के टुकड़े करके उसमें पिसी हुई मैंथी और अन्य मसाले मिलाकर अचार बनाया जाता है। यह अचार स्वादिष्ट और गुणकारी होता है। इसमें वायु को शांत करने वाली, कफ को मिटाने वाली और ज्वरनाशक है। यह वातहर, उष्ण, कड़वी और पौष्टिक है। मेथी – कृमि, कमर का दर्द और सामान्य शारीरिक पीड़ा को दूर करती है। यह वायुनाशक मानी जाती है। “सुश्रुत” मैंथी को रक्त सुधारक, पित्तनाशक, वायुनाशक, पौष्टिक और दुग्धपान कराने वाली स्त्री का दूध बढ़ाने वाली मानते हैं।
अनेक रोगो में मेथी दाना खाने के फायदे – Methi Dana Khane Ke Fayde
विभिन्न बीमारियों में अलग-अलग प्रकार से मेथी को खाना चाहिए जिससे हमे ज्यादा फायदा मिल सके। चलिये अब हम जानते है की विभिन्न रोगो में मेथी का किस प्रकार उपयोग करें।
गठिया के रोग में –
गठिया रोग में मेथी के विभिन्न प्रयोग :
1. गुड़ में मैंथी का पाक बनाकर सेवन करने से गठिया में लाभ होता है ।
2. 4 चम्मच दानेदार मैंथी रात्रि के समय 1 गिलास पानी में भिगो दें और प्रातः समय पानी को गुनगुना गर्म करके सेवन करें ।
3. भीगी हुई मैंथी को गीले कपड़े में पोटली बाँधकर रख दें । 24 घण्टे के बाद पोटली को खोलें । इसमें अँकुर निकल आएँगें । इस अंकुरित मैंथी को खाएँ । इसमें नमक – मिर्च आदि अन्य चीजें न मिलाएँ । यह प्रयोग निरन्तर कुछ महीने करते रहने से वात , गठिया , घुटनों का दर्द आदि में लाभ होता है।
चोट की सूजन –
मैंथी के पत्तों की पुल्टिश बाँधने से चोट की सूजन मिटती है । मैंथी ज्वर को दूर करती है , बालों को सफेद होने से रोकती है ।
कब्ज से राहत पाने के लिए –
कब्ज की शिकायत में मैंथी के पत्तों की सब्जी खाना लाभप्रद है ।
शारीरिक जलन –
शरीर में जलन हो तो मैंथी के पत्तों को ठण्डाई की तरह पीसकर पानी में घोलकर पीएँ और बाहरी जगह पर लेप करें । जलन , दाह , भभके में इस प्रयोग से लाभ होता है ।
भूख और पेटदर्द –
दानेदार मैंथी का गर्म पानी के साथ सेवन करने से पेटदर्द ठीक होता है । भूख अच्छी लगती है । मैंथी की सब्जी खाने से भूख भी बढ़ती है तथा कमरदर्द में लाभ होता है ।
पेट की सर्दी , वायु विकार –
यह कष्ट मैंथी के हरे पत्तों की पकौड़ी खाने से ठीक हो जाते हैं ।
मासिकधर्म न आना
मासिकधर्म की समस्या में 4 चम्मच भर मैंथी 1 गिलास पानी में उबालें । आधा पानी शेष रहने पर गर्म – गर्म ही पीएँ ।
दमा और खाँसी –
इन कष्टों में 4 चम्मच भर मैंथी 1 गिलास पानी में उबालें और आधा पानी शेष रहने पर गर्म – गर्म ही पीएँ। ऐसा कुछ समय ही करने से खाँसी की समस्या में फायदा होगा।
जल जाना –
आग से जल जाने पर दानेदार मैंथी को पानी में पीस कर लेप करने से जलन दूर होती है एवं फफोले नहीं पड़ते ।
प्रसवोपरान्त गर्भाशय शुद्धि –
प्रसूतिकाल में मैंथी को अन्य चीजों के साथ मिलाकर खिलाने से गर्भाशय शुद्ध होता है । भूख लगती है , एवं दस्त साफ आता है ।
भूख न लगना –
यदि भूख न लगती हो , या कम खाना खाने से ही पेट एवं इच्छा भर जाती हो तो 7 ग्राम दाना मैंथी में थोड़ा – सा घी डालकर सेंके । मैंथी जब लाल होने लग जाए तब उतार लें और ठण्डी होने पर पीस लें । फिर इसे 5 ग्राम की मात्रा में लेकर शहद में मिलाकर डेढ़ महीने तक सेवन करें । इस प्रयोग से अच्छी भूख लगेगी ।
खूनी बबासीर –
4 चम्मच दाना मैंथी और 1 गिलास पानी के साथ या दूध उबालकर सेवन करने से बबासीर में रक्त आना बन्द हो जाता है और पेट भी साफ़ होता है।
मधुमेह (Diabetes)-
मेथी दाना के उपयोग से मधुमेह में बहुत फायदा मिलता है। जिन्हें मधुमेह की समस्या हो तो वे मेथी का प्रयोग कर सकते है लाभ होगा।
तो ये आपने जाने है मेथी दाना खाने के फायदे के बारे में। हम आशा करते है की आपको ये पोस्ट पसंद आयी होगी और अगर आप अपने विचार हमारे साथ साझा करना चाहते है तो कमेंट करें।