तो आज हम जानेंगे Shavasana Yoga Kaise Kare और Shavasana Karne Ke Fayde क्या होते हैं। इस आसन को समस्त आसनों की समाप्ति पर या कभी-कभी मध्य में जब विश्राम लेने की आवश्यकता होती है तब करते हैं।इससे शरीर के प्रत्येक अंग को आराम एवं शक्ति मिलती है तथा थकावट दूर हो जाती है और शरीर को पुनःकार्य करने के लिए स्फूर्ति और ताजगी प्राप्त होती है |
शवासन योगा कैसे करे – Shavasana Yoga Kaise Kare ?
1. नीचे सीधे लेटे
सबसे पहले फर्श पर पीठ के बल सीधे लेट जाएँ । पूरे शरीर को सीधा और एकदम ढीला रखें । हथेलियों को फर्श पर अथवा ऊपर की ओर भी रखा जा सकता है सिर के नीचे तकिया आदि कोई वस्तु ना रखें । दोनों पैरों के बीच थोड़ा – सा अंतर रखते हुए अपनी दोनों आंखों को बंद कर लें |
2. आंखें बंद करें
10 मिनट तक आँखों को बंद रखने के बाद खोलें तथा कुछ सेकेंड तक आँखें खुली रखने के बाद पुनः बंद कर लें । आँखों को खोलने तथा बंद करने की यह क्रिया 3 – 4 बार करनी चाहिए।फिर आँखों को खोलकर पहले ऊपर की ओर, फिर नीचे की ओर, फिर दाँयीं ओर, फिर बाँयीं ओर देखकर पुनः बंद कर लें।आँखों का यह व्यायाम धीरे-धीरे करना चाहिए। इस संपूर्ण नेत्र व्यायाम को 2 – 3 बार दोहराएँ ।
3. जीभ की स्थिति
अब मुँह को बिना जोर लगाए पूरा खोलें तथा जीभ को मुंह के भीतर इस प्रकार मोड़ें की इसका आगे का भाग मुड़कर पीछे कण्ठ की ओर हो जाए । फिर मुख को बन्द कर लें । जब तक मुख बन्द रहे तब तक मुख के भीतर जीभ मुड़ी हुई स्थिति में ही रहनी चाहिए । 10 सेकंड तक मुंह को बंद रखने के बाद उसे खोलें तथा जीभ को स्वभाविक स्थिति में ले आएँ । फिर मुंह को बंद कर ले तथा जीभ के व्यायाम की इस क्रिया को 2 या 3 बार दोहराएँ ।
4. शरीर के सभी अंगों का निरीक्षण करें
अब पुनः अपनी आँखों को बंद करके अपने मन द्वारा शरीर के सभी अंगों को क्रमशः निरीक्षण करें ।पहले पैरों के अँगूठों को – यह भावना करें कि उन्हें विश्राम मिल रहा है । फिर क्रमशः अपना ध्यान बहुत धीरे-धीरे घुटनों, जाँघों, कमर, मेरुदण्ड, पीठ, कन्धे, गर्दन, बाहें, हथेलियों, अँगुलियों तथा ठोड़ी, मुख, आँख, नाक,कान और मस्तक तक ले जाकर उनका मानसिक निरीक्षण करें तथा यह सुनिश्चित कर लें कि सब पूरी तरह से विश्राम की स्थिति में है ।
5. मन को विश्राम दे
जब मानसिक रूप से आप यह जानकर संतुष्ट हो जाएँ कि शरीर के सारे अंग विश्राम की अवस्था में हैं तब आप अपने मन को विश्राम दें, और वन, पर्वत, उपवन, समुद्र – तट या किसी अन्य रमणीक स्थान का चिंतन करें । उसे अंतरात्मा से देखने का प्रयत्न करें । और भावना करें कि सभी जगह आनंद – ही – आनंद एवं विश्राम – ही – विश्राम है । इस अवस्था में शोक, भय, क्रोध, चिंता, घर, व्यवसाय, नौकरी आदि से संबंधित किसी भी विचार को मन में ना आने दें ।
6. गहरी सांसे ले
जब आप भली-भाँति विश्राम का अनुभव कर चुकें हों, तब दाएं हाथ को उठाकर उसकी हथेली को धीरे से पेट के ऊपर रखें तथा दोनों नासा – छिद्रों से भीतर की समस्त वायु को धीरे-धीरे लगातार गहरी साँसें लें । फिर पूर्वोक्त विधि से श्वास छोड़ें । स्वास लेते समय पेट फूल रहा है तथा छोड़ते समय पिचक रहा है, यह जानकारी पेट के ऊपर रखी हुई हथेली द्वारा प्राप्त करें । जिस समय पेट नीचे की ओर जाए, उस समय हथेली की अंगुलियाँ एक – दूसरे के समीप रहनी चाहिए और जब पेट ऊपर को उठे उस समय वे एक – दूसरे से अलग हो जानी चाहिए ।
7. शवासन की समाप्ति
इस प्रकार श्वास भी एक क्रमबद्ध तरीके से लेनी तथा छोड़नी चाहिए । 3 से 5 मिनट तक इस विधि से स्वास लेते तथा छोड़ते रहने के बाद धीरे से हथेली को पेट से हटाकर फिर से भूमि पर रख दें तथा यह अनुभव करें कि अब आपको नींद नहीं आ रही । ऐसी भावना करते हुए विश्राम लें तथा 10 – 15 मिनट तक विश्राम की स्थिति में ऐसे ही लेटे रहें । पूर्ण विश्राम के लिए 15 मिनट का समय बहुत रहता है । यदि गहरी नींद लेनी हो तुम इसी स्थिति में करवट बदले बिना सो जाने का उपक्रम करना चाहिए । विश्राम के अंत में शरीर को फैलाकर, अँगड़ाई तथा जम्हाई भी लेनी चाहिए ।
तो हम आशा करते है की आप को पता चल चूका होगा कि Shavasana Yoga Kaise Kare यदि आप जानना चाहते है की भुजंगासना कैसे करे और क्या फायदे होते है तो यहाँ दबाये।
शवासन करने के फायदे – Shavasana Karne Ke Fayde।
1. अंगों को विश्राम मिलता है
इस आसन से शरीर के प्रत्येक अंग को पूर्ण विश्राम मिल जाता है । जो पूर्ण स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है।
2. थकान दूर होती है
यह अभ्यास यात्रा, जागरण, अधिक काम – काज, खेल – कूद, योगासन आदि के अभ्यास अथवा अन्य किसी भी कारण से आई थकान को दूर कर देता है ।
3. अनिद्रा रोग में लाभदायक
आज के समय में अनेक व्यक्ति अनिद्रा की बीमारी से ग्रसित रहते हैं तो ऐसी स्थिति में यह व्यायाम उनके लिए बहुत ही उपयोगी है इस व्यायाम से शीघ्र ही निद्रा आ जाती है ।
4. मन को शांत करता है
चिंता, भय, शोक आदि अवस्थाओं में भी इसके प्रयोग से चित्त को शांति प्राप्त होती है ।
5. एकाग्रता को बढ़ाता है
नित्य प्रति इस व्यायाम को करने से मन की एकाग्रता बढ़ती है और मानसिक स्थिति भी अच्छी होती है ।
तो आज हमने जाना कि Shavasana Yoga Kaise Kare और Shavasana Karne Ke Fayde क्या होते हैं।