प्रतिदिन श्री हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa)का पाठ करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाये पूर्ण होती है और श्री सीताराम और श्री हनुमान जी की कृपा से सभी संकटो का नाश होता है।

Shri Hanuman Chalisa | बजरंगबली चालीसा
तो मेरे प्रियजनो यदि आप श्री राम जी के भक्त है तो भी बाबा बजरंगबली चालीसा का 1 बार पाठ अवश्य कर ले इससे शीघ्र ही ईश्वर की आप पर कृपा होगी। और यदि आप श्री हनुमान जी के भक्त है तो पूजा से पहले आप श्री राम जी की पूजा अथवा ध्यान अवश्य करें क्योंकि श्री राम जी के बिना श्री हनुमान जी की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। यदि आप श्री रामचंद्र जी की पूजा करते है तो निश्चित रूप से श्री हनुमानजी की आप पर कृपा रहेगी।
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श्री रामदूत हनुमान चालीसा पाठ – Bajrangbali Chalisa
श्री राम भक्त अथवा श्री हनुमान भक्तो को श्री हनुमान चालीसा या कह लीजिये श्री बजरंगबली चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिये।
*** जय श्री सियापति रामचंद्र जी की जय ***
*** श्री राम जय राम जय जय राम ***
|| श्री हनुमान चालीसा || बजरंगबली चालीसा ||
चलिये पढ़ते है श्री संकट मोचन हनुमान चालीसा या श्री बजरंगबली चालीसा जिसके पढ़ने मात्र से भूत प्रेत चुड़ैल आदि नकारात्मक शक्तियाँ दूर भाग जाती है। लेकिन ये चालीसा पढ़ने से पहले और बाद में श्री राम नाम अवश्य जप ले।
***___जय श्री राम___***
|| दोहा ||
श्रीगुरु चरन सरोज रज, निजमन मुकुरु सुधारि।
बरनउं रघुबर बिमल जसु, जो दायक फल चारि।।
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।
|| चौपाई ||
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।
जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।
राम दूत अतुलित बल धामा।
अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।
महाबीर बिक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी।।
कंचन बरन बिराज सुबेसा।
कानन कुण्डल कुँचित केसा।।
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजे।
कांधे मूंज जनेउ साजे।।
शंकर सुवन केसरी नंदन।
तेज प्रताप महा जग वंदन।।
बिद्यावान गुनी अति चातुर।
राम काज करिबे को आतुर।।
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।
राम लखन सीता मन बसिया।।
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।
बिकट रूप धरि लंक जरावा।।
भीम रूप धरि असुर संहारे।
रामचन्द्र के काज संवारे।।
लाय सजीवन लखन जियाये।
श्री रघुबीर हरषि उर लाये।।
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं।
अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैं।।
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा।
नारद सारद सहित अहीसा।।
जम कुबेर दिगपाल जहां ते।
कबि कोबिद कहि सके कहां ते।।
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।
राम मिलाय राज पद दीन्हा।।
तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना।
लंकेश्वर भए सब जग जाना।।
जुग सहस्र जोजन पर भानु।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।
दुर्गम काज जगत के जेते।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।
राम दुआरे तुम रखवारे।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।
सब सुख लहै तुम्हारी सरना।
तुम रच्छक काहू को डर ना।।
आपन तेज सम्हारो आपै।
तीनों लोक हांक तें कांपै।।
भूत पिसाच निकट नहिं आवै।
महाबीर जब नाम सुनावै।।
नासै रोग हरे सब पीरा।
जपत निरन्तर हनुमत बीरा।।
संकट तें हनुमान छुड़ावै।
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।।
सब पर राम तपस्वी राजा।
तिन के काज सकल तुम साजा।।
और मनोरथ जो कोई लावै।
सोई अमित जीवन फल पावै।।
चारों जुग परताप तुम्हारा।
है परसिद्ध जगत उजियारा।।
साधु संत के तुम रखवारे।।
असुर निकन्दन राम दुलारे।।
अष्टसिद्धि नौ निधि के दाता।
अस बर दीन जानकी माता।।
राम रसायन तुम्हरे पासा।
सदा रहो रघुपति के दासा।।
तुह्मरे भजन राम को पावै।
जनम जनम के दुख बिसरावै।।
अंत काल रघुबर पुर जाई।
जहां जन्म हरिभक्त कहाई।।
और देवता चित्त न धरई।
हनुमत सेइ सर्ब सुख करई।।
सङ्कट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।
जय जय जय हनुमान गोसाईं।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।
जो सत बार पाठ कर कोई।
छूटहि बन्दि महा सुख होई।।
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।
होय सिद्धि साखी गौरीसा।।
तुलसीदास सदा हरि चेरा।
कीजै नाथ हृदय महं डेरा।।
|| दोहा ||
पवनतनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।।
***जय श्रीराम***

*** जय श्री सियापति रामचंद्र जी की जय ***
*** जय श्री उमापति महादेव जी की जय ***
तो ये आपने जान ली बाबा बजरंगबली चालीसा / हनुमान चालीसा अब इसका पाठ कर लाभ उठाइये। इसके पाठ से व्यक्ति को अनेक फायदे होते है जैसे नकारात्मक शक्तियों से आपकी सुरक्षा, बाधाओं का समाप्त होना क्योंकि बजरंगबली जी का एक नाम श्री संकटमोचन हनुमान जी भी है और जब ईश्वर की कृपा प्राप्त हो जाती है तो डरना किस बात का।
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