USA vs Russia युद्ध : पहले पुतिन और जिनपिंग की दोस्ती और अब चीन के संग इनकी नॉर्थ कोरिया में मौजूदगी। अमेरिका के तमाम दुश्मन अब चीन के दोस्त बन चुके हैं और इसका का हौसला अब बढ चुका है। चीन अमेरिका से मुकाबले की तैयारी तो बरसों से कर रहा है लेकिन बदलते हालात ने अमेरिकी सेना को भी सावधान कर दिया है।
अमेरिका के एक जनरल ने सेना को युद्ध की तैयारी का आदेश दिया है। आदेश में चीन से निपटने की तैयारी करने की बात कही गई है। USA के जॅनरल को लगता है कि दो साल बाद चीन अमेरिका को युद्ध की चुनौती दे सकता है।
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एक तरफ सबसे विशाल सेना तो दूसरी तरफ दुनिया की सबसे शक्तिशाली पहुँच। एक तरफ सनकी मुल्क तो दूसरी तरफ दुनिया में कई जीत हासिल कर चुकी अनुभवी आर्मी। ये जंग नहीं महाजंग की शुरुवात होगी क्योंकि दोनों देशों के पास न्यूक्लियर हथियारों की कमी नहीं है। चीन तो अमेरिका से निपटने की तैयारी कई बरसों से कर रहा है लेकिन अब ऐसी ही तैयारी अमेरिका में भी शुरू हो गई है।
अमेरिका के एक कमांडर ने ऑर्डर दिया है एक लाख दस हजार सैनिकों को युद्ध की तैयारी का आदेश दिया है। कमांडर ने अपने सैनिकों को चीन के खिलाफ युद्ध की तैयारी का आदेश दिया है। अमेरिकी कमांडर ने आशंका जताई है की दो साल बाद चीन से युद्ध हो सकता है। कमांडर ने आशंका जताई है कि अमेरिका और चीन के बीच साल दो हजार पच्चीस में युद्ध छिड सकता है।
अमेरिकी कमांडर का अंदेशा मौजूदा हालात की वजह से पहली वजह ताइवान है जिसे चीन किसी भी कीमत पर हासिल करना चाहता है। अमेरिका ने एक बार फिर ताइवान को हथियारों का पैकेज देने का ऐलान किया है। अमेरिका ताइवान को तीन सौ पैंतालीस मिलियन डॉलर के हथियार देगा। चीन ने अमेरिका के फैसले का विरोध किया है। ताइवान को हथियार डिपो बनाने का आरोप लगाया है।
पूरी दुनिया को पता है कि पुतिन से दोस्ती के बाद जिनपिंग का हौसला बढ चुका है। दुनिया में एक एंटी अमेरिका ग्रुप भी तैयार हो चुका है जो युद्ध में चीन का साथ दे सकता है। युद्ध हुआ तो रूस, नॉर्थ कोरिया, ईरान और पाकिस्तान चीन का साथ दे सकते हैं।
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रूस यूक्रेन युद्ध के दौरान भी नाटो को एकजुट कर चुके बाइडन की टीम में कम धुरंधर नहीं है। US के साथ फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी, इस्राइल जैसे ताकतवर देश समंदर से लेकर जमीन और आसमान तक दोनों देशों के पास हथियारों की कोई कमी नहीं इसलिए जंग कुछ ही दिनों में परमाणु युद्ध में बदल सकती है।
समंदर में चीन ने खूब ताकत बढाई है लेकिन चीन के करीब ही अमेरिका का किसी भी वॉर का गेम चेंजर सातवाँ बेडा तैनात। सातवां बेडा अमेरिकी नेवी का सबसे बडा अग्रिम तैनाती वाला बेडा है। इसमें सत्तर वॅारशिप और डेढ सौ फाइटर प्लेन तैनात है। इस पर करीब बीस हजार नौसैनिक चौबीस घंटे तैनात रहते हैं।
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अमेरिका की हवाई ताकत चीन से कई गुना मजबूत है। अमेरिका जानता है भविष्य में चीन अपनी महत्वाकांक्षाएं पूरी करने के लिए अमेरिका से पहले युद्ध छेड़ सकता है और यही वजह है कि अमेरिका में भविष्य में होने वाली इस लडाई की तैयारी शुरू हो चुकी है।
USA vs Russia युद्ध होगा या नहीं ये तो समय के साथ आगे पता चल ही जाएगा।