एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय (ODI) क्रिकेट खेल का एक जीवंत प्रारूप है, जो शास्त्रीय और तीव्र गति वाले उत्साह का एक आदर्श मिश्रण पेश करता है जो दुनिया भर के प्रशंसकों को पसंद आता है। इसकी संरचना और रणनीति के केंद्र में “ओवर” हैं, जो मैच की रूपरेखा को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह समझना कि वनडे क्रिकेट में ओवर कैसे काम करते हैं, प्रशंसकों और खिलाड़ियों के लिए समान रूप से आवश्यक है, क्योंकि वे प्रतियोगिताओं की गति, रणनीति और अंतिम परिणाम तय करते हैं।
क्रिकेट में ओवर क्या है?
क्रिकेट में एक ओवर में एक गेंदबाज द्वारा पिच के एक छोर से दूसरे छोर पर बल्लेबाज तक फेंकी गई छह कानूनी गेंदें शामिल होती हैं। ओवर की अवधारणा क्रिकेट के लिए मौलिक है, क्योंकि यह न केवल खेल की संरचना करती है बल्कि गेंदबाज रोटेशन और बल्लेबाजी रणनीति के संदर्भ में एक रणनीतिक तत्व भी पेश करती है।
वनडे क्रिकेट: 50 ओवर का प्रारूप
वनडे क्रिकेट, जो अपने एकदिवसीय समापन के लिए जाना जाता है, प्रत्येक टीम को अधिकतम 50 ओवर तक बल्लेबाजी करने के लिए सीमित करता है। यह सीमा यह सुनिश्चित करने के लिए शुरू की गई थी कि खेल को एक ही दिन में समाप्त किया जा सके, जिससे यह लंबे टेस्ट प्रारूप की तुलना में अधिक आकर्षक और दर्शकों के अनुकूल बन सके, जिसमें पांच दिन तक का समय लग सकता है। 50 ओवर के प्रारूप में टीमों को सावधानी के साथ आक्रामकता को संतुलित करने की आवश्यकता होती है, क्योंकि उन्हें अपने स्कोरिंग अवसरों को अधिकतम करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे अपने आवंटित ओवर समाप्त होने से पहले अपने सभी विकेट न खो दें।
आइए जानते हैं कि एक वनडे मैच मतलब ODI कितने ओवर का होता है :
ODI कितने ओवर का होता है ? (ODI Kitne Over Ka Hota Hai)
One Day International, ODI मैच 50 ओवरों का मैच होता है जो एक ही दिन में समाप्त हो जाता है इसीलिए दर्शको को इसमें टेस्ट मैच से ज्यादा मजा आता है।
भाई वनडे क्रिकेट तो आजकल का धुआंधार मैच है लेकिन 20-20 से कम ही है। 50 ओवर का ये मैच एक दिन में ही खत्म हो जाता है इसलिए दर्शकों को बहुत पसंद आता है।
1971 में पहली बार जब इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच वनडे मैच खेला गया था तबसे इसकी लोकप्रियता में चार चाँद लग गए। वनडे में तो मजा ही मजा है। 15 ओवर तक पावरप्ले चलता है जहाँ सिर्फ 2 फील्डर्स को ही बाहरी सर्किल में खड़े होने की छूट मिलती है। बाकी ओवरों में तो गेंदबाज और बल्लेबाज दोनों अपना पूरा दमखम दिखाते हैं।
आजकल तो वर्ल्ड कप, चैंपियंस ट्रॉफी सब वनडे पर ही आधारित हैं और इसके आगे टेस्ट क्रिकेट तो फीका ही पड़ गया है। वनडे ने क्रिकेट को नई ऊँचाइयों पर पहुँचा दिया है भाई।
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