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हैकर्स कैसे करते हैं फ़ोन हैक ?
आजकल स्मार्टफ़ोन का इस्तेमाल बढ़ने के साथ ही फ़ोन हैकिंग की घटनाएं भी तेज़ी से बढ़ रही हैं। हैकर्स फ़ोन में घुसकर न केवल डेटा चुराते हैं बल्कि फ़ोन का रिमोट कंट्रोल भी हासिल कर लेते हैं। आइए जानते हैं कि हैकर्स विभिन्न तरीकों से फ़ोन हैक कैसे करते हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है।
सोशल इंजीनियरिंग से फ़ोन हैक
हैकर्स कई बार सोशल मीडिया और इंटरनेट का इस्तेमाल फ़ोन हैक करने के लिए करते हैं। वे फर्ज़ी प्रोफ़ाइल बनाकर लोगों से कनेक्ट करते हैं और फिर व्यक्तिगत जानकारी जुटाते हैं। इसके बाद उस जानकारी का इस्तेमाल करके उनके फ़ोन में पहुंच प्राप्त कर लेते हैं।
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फ़िशिंग से फ़ोन हैक होता है
फ़िशिंग हैकर्स द्वारा किया जाने वाला सबसे कॉमन तरीका है। इसमें वे फ़र्ज़ी वेबसाइट्स या लिंक्स बनाते हैं और मैलवेयर, स्पाईवेयर या रैनसमवेयर से भरे फ़र्ज़ी ऐप्स और फ़ाइलें भेजते हैं। जब कोई यूज़र इन फ़र्ज़ी लिंक्स पर क्लिक करता है या ऐप इंस्टॉल करता है तो उसका फ़ोन हैक हो जाता है।
वाई-फ़ाई हैकिंग
जब भी कोई यूज़र पब्लिक वाई-फ़ाई नेटवर्क से कनेक्ट करता है तो हैकर उस नेटवर्क को हैक करके सभी कनेक्टेड डिवाइसेज़ तक पहुंच प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए पब्लिक वाई-फ़ाई का इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतनी चाहिए।
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ब्लूटूथ हैकिंग
ब्लूटूथ कनेक्शन के ज़रिए नज़दीकी स्मार्टफ़ोन्स हैक किए जा सकते हैं। हैकर ब्लूटूथ को ऑन करके आस-पास के डिवाइसेज़ में कनेक्ट कर लेता है और फिर डेटा चोरी करता है। इसलिए ब्लूटूथ कनेक्शन को जब उपयोग न कर रहे हों तो बंद कर देना चाहिए।
ब्रूटफोर्स अटैक
ब्रूटफोर्स अटैक में हैकर ब्रूट फ़ोर्स यानी शियर बल आधारित हमला करता है। यहां पर वह यूज़र के पासवर्ड को क्रैक करने की कोशिश करता है। एक बार पासवर्ड मिल जाने पर वह आसानी से फ़ोन में प्रवेश कर लेता है।
रैनसमवेयर और मैलवेयर
कई हैकर रैनसमवेयर या मैलवेयर का इस्तेमाल करते हैं जो फ़ोन में घुसकर उसे लॉक कर देते हैं। फिर वे फ़ोन अनलॉक करने के लिए फिरौती की मांग करते हैं। अगर फिरौती न दी गई तो वे फ़ोन डेटा को डिलीट कर देते हैं।
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फ़ोन हैकिंग से कैसे बचें?
- फ़ोन में सबसे लेटेस्ट सॉफ़्टवेयर अपडेट रखें।
- केवल गूगल प्ले स्टोर से ही ऐप डाउनलोड करें।
- जटिल पासवर्ड और दो कारक प्रमाणीकरण का उपयोग करें।
- वीपीएन और एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर इंस्टॉल करें।
- अनजान लिंक्स पर क्लिक न करें और फ़ाइलें डाउनलोड न करें।
- निजी जानकारी साझा न करें।
निष्कर्ष
फ़ोन हैकिंग एक गंभीर साइबर अपराध है जिससे बचने के लिए यूज़र्स को सजग रहना चाहिए। साथ ही, फ़ोन की सुरक्षा के लिए उपरोक्त सावधानियां अपनानी चाहिए। तभी व्यक्तिगत डेटा और प्राइवेसी की रक्षा हो सकती है।