भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में हाल ही में आई गिरावट
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में हाल ही में आई गिरावट चिंता का विषय जरूर है, लेकिन इसे बहुत गंभीरता से भी नहीं लेना चाहिए। अर्थव्यवस्था में उतार-चढ़ाव तो होते रहते हैं। महत्वपूर्ण यह है कि देश के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है ताकि आने वाली चुनौतियों से निपटा जा सके।
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भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में हाल ही में 30 मिलियन डॉलर($30 Million) की गिरावट आई है। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, 25 अगस्त को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान भारत के कुल विदेशी मुद्रा भंडार 594.858 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो पिछले सप्ताह के 594.888 अरब डॉलर से ($30 Million) 30 मिलियन डॉलर कम है।
विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का मुख्य कारण विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में 538 मिलियन डॉलर की कमी आना है। अक्टूबर 2021 में भारत का विदेशी मुद्रा किट्टी इतिहास में सबसे ऊंचे स्तर 645 अरब डॉलर पर पहुंचा था, लेकिन तब से वैश्विक दबावों के कारण रुपये की रक्षा के लिए केंद्रीय बैंक ने इस किट्टी का इस्तेमाल किया है, जिससे भंडार में कमी आई है।
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हालांकि, सोने(Gold Reserve) के भंडार में 530 मिलियन डॉलर की वृद्धि हुई है जो अब 44.354 अरब डॉलर पर पहुंच गए हैं। विशेष आहरण अधिकार में 12 मिलियन डॉलर ($12 Million) की गिरावट आई है। आने वाले दिनों में वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिति के आधार पर देखना दिलचस्प होगा कि भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में किस तरह का रुख रहता है।
हमें भरोसा है कि हमारे नीति निर्माता और रिज़र्व बैंक इस स्थिति से निपटने के लिए सही कदम उठाएंगे। भारत की अर्थव्यवस्था की क्षमता और सामर्थ्य पर पूरा भरोसा है। हमें अपने निर्यात को बढ़ाना होगा और घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहित करना होगा। निवेशकों का भरोसा बनाए रखना भी जरूरी है।
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