भारत की रेल परिवहन प्रणाली विश्व की सबसे बड़ी रेल नेटवर्क में से एक है। 165 वर्ष पुरानी इस प्रणाली का इतिहास काफ़ी पुराना और गौरवशाली रहा है। भारतीय रेल की शुरुआत 1853 में हुई थी जब ब्रिटिश काल में पहली बार मुंबई और ठाणे के बीच एक छोटी सी रेल लाइन का निर्माण हुआ था। उसके बाद से अब तक भारतीय रेल ने लंबा सफ़र तय किया है।
सुपर फास्ट भागा रेलवे का ये स्टॉक, तीन साल में बन गया सुपर फ़ास्ट मिसाइल
आज भारतीय रेल में लगभग 1.3 करोड़ कर्मचारी कार्यरत हैं और रोज़ाना 2.3 करोड़ से अधिक यात्री इसकी सेवाएं लेते हैं। 67,956 किमी की लंबी रेल लाइनों पर चलने वाली 13,169 यात्री और 9,213 मालगाड़ियाँ देश के विभिन्न हिस्सों को जोड़ती हैं। भारतीय रेल न केवल यात्रियों और माल के परिवहन का सबसे बड़ा साधन है बल्कि रोज़गार और आय का भी एक बड़ा स्रोत है।
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शेयर बाजार में कई ऐसे स्टॉक हैं जो पिछले कुछ वर्षों में रॉकेट की रफ्तार से बढ़े हैं। इनमें से एक रेलवे सेक्टर का स्टॉक रेल विकास निगम (RVNL) भी है। RVNL के शेयरों में पिछले तीन सालों में 500% से अधिक की वृद्धि हुई है।
31 अगस्त 2020 को RVNL के शेयर 21.55 रुपये पर बंद हुए थे, जो 31 अगस्त 2023 तक बढ़कर 131 रुपये हो गए। यानी तीन साल पहले इस स्टॉक में 1 लाख रुपये लगाने पर आज यह 6 लाख रुपये से ज्यादा का हो गया है।
RVNL लगातार मजबूती के साथ बढ़ रहा है। तकनीकी रूप से भी यह स्ट्रॉन्ग दिख रहा है। एक्सपर्ट मान रहे हैं कि निवेशक इसे अपने पोर्टफोलियो में जोड़ सकते हैं और आने वाले दिनों में और रिटर्न की उम्मीद कर सकते हैं।
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इस प्रकार RVNL जैसे स्टॉक ने निवेशकों को मालामाल कर दिया है। ऐसे में निवेशकों को चाहिए कि वे अच्छे स्टॉक की पहचान कर उनपर दीर्घकाल में निवेश करें तो वे भी इस तरह का फायदा उठा सकते हैं।