इस लेख में हम जानेंगे Nimbu Ras Ke Fayde, Nimbu Pani Peene Ke Fayde, Nimbu Khane Ke Fayde और नींबू के घरेलू नुस्खो के फायदे के बारे में।इससे अलग हम यह भी जानेंगे कि नींबू का छिलका, मुरब्बा, अचार, और नींबू पानी के विभिन्न शरबत कैसे बनते हैं जिनके सेवन से हमें फायदे होते है।
नींबू के विषय में जानकारी (Lemon Introduction):
नींबू को अँग्रेजी में ‘ Lemon ‘ के नाम से तथा वैज्ञानिक नाम ‘Citrus Limon’ के नाम से जाना जाता है। इसका सेवन प्रत्येक मौसम में किया जा सकता है । यह बदलते मौसम के अनुरूप ही अपने गुणों को समायोजित कर मौसमी दोषों से बचाता है । नीम्बू का मुख्य कार्य शरीर के विषों को नष्ट करके उन्हें बाहर निकालना है । स्वाद में खट्टा होने पर भी नीम्बू बहुत ही गुणकारी और उपयोगी है ।
इसमें एसिड की मात्रा लगभग 7.5% है । इसका रस अत्यन्त खट्टा है , परन्तु उसका पाचन होने पर , उसकी आल्कली में रूपान्तर होने पर , वह रक्त में अन्नादि आहार से उत्पन्न होने वाली खटाई को दूर कर रक्त को शुद्ध करता है । नीम्बू में विटामिन ‘ Vit-C ’ अधिक मात्रा में होता । अतः यह रक्तपित्त स्कर्वी रोग में बहुत ही उपयोगी है ।
नीम्बू की प्राकृतिक खटाई रक्त को शुद्ध करती है। यह तीक्ष्ण, पेट के दर्द को मिटाने वाला, कष्ट , दुःख रहित, वायु को हरने वाला , अग्नि प्रदीपक , पाचक और लघु है ।
यह कृमिनाशक ,और रुचि उत्पन्न करने वाला है । यह वात , पित्त , कफ और शूल वालों के लिए लाभप्रद है ।
नींबू के प्रकार (Types Of Lemon):
नींबू अनेक किस्मों के होते हैं ।कागजी , जम्भीरी , संतरे , चिकोत्तरे , पपनस , मौसम्मी , नारंगी , बिजौरा और जंगली आदि की नीम्बू की लगभग 25 किस्में होती हैं। स्वाद के आधार पर ये 2 प्रकार के होते है –
1. खट्टे नींबू
नींबू की सभी किस्मों में कम या अधिक खट्टापन अवश्य होता है। कागजी नीम्बू की किस्म के नीम्बू खट्टे होते हैं। सर्वत्र सरलतापूर्वक उपलब्ध और अधिक उपयोग में आने वाले नींबू को ‘ कागजी नीम्बू ‘ कहा जाता है। कागजी सबसे अच्छे होते है ।
2. मीठे नींबू
मीठे नींबू मधुर और कुछ कड़वाहट लिए हुए होते है।किन्तु इनकी सभी किस्मों में थोड़ा बहुत खट्टापन अवश्य होता है।
नींबू के रस के फायदे और गुण (Lemon Juice Benefits) :
नींबू का रस रुचिकर और पाचक होने के कारण यह दाल , साग या चावल पर निचोड़ा जाता है । इसके रस से भोजन स्वादिष्ट बनता है।
नींबू का रस दीपन , पाचन , हृद्य , उत्तम , रक्तपित्तशामक , रक्त पौष्टिक , ज्वरहर और मूत्रजनन है ।
नींबू का रस खट्टा होने पर भी रक्त के खटेपन को दूर करने का विशिष्ट गुण रखता है । इसका रस रक्तपित्त और स्कर्वी रोग में लाभ दायक है। कुछ औषधियाँ नींबू के रस में खरल करने से अधिक लाभकारी बनती हैं।
नींबू का रस – अफरा , अपच , दुर्गन्धयुक्त , डकारें , उदरशूल और उल्टी वगैरह में मिलाकर दिया जाता है ।
नींबू का रस – वायु , उल्टी , पित्त , क्षय , मल स्तम्भ बद्धगुदोदर , गुल्म , आमवात , उदरकृमि , वातशूल , पित्तशूल , कण्ठशूल , विष प्रकोप , अग्निमांद्य , वातविकार , मलावरोध , विशूचिका ( हैजा ) और कफ को दूर करता है।
गर्मी के मौसम में नींबू रस और नींबू पानी पीने के फायदे :
गर्मी के मौसम में नींबू का शर्बत(नींबू पानी) बनाकर पीया जाता है। गर्मी की ऋतु में होने वाले अन्य रोगों से भी यह रक्षा प्रदान करता है। नीम्बू का अचार भी बनता है । इससे स्कवाश और सीरप बनाकर कभी भी पीने में उपयोग कर सकते हैं। नीम्बू का रस रोगोत्पादक जन्तुओं का नाश करता है । अतः प्रत्येक स्त्री , पुरुष और बालकों को अर्थात् सभी को नींबू का सेवन करना चाहिए। इसका सेवन करने वाले व्यक्ति पर संक्रामक रोग का आक्रमण नहीं होता । इसका सेवन खाली पेट करने से अधिक लाभ होता है ।
नीम्बू की खटाई में ठण्डक उत्पन्न करने का विशिष्ट गुण है , जो गर्मी से हमें बचाता है। ज्वर की अवस्था में जब गर्मी के कारण मुँह के भीतर की लार उत्पन्न करने वाली ग्रन्थियाँ लार उत्पन्न करने का काम बन्द कर देती हैं और मुँह सूखने लगता है , तब नींबू का रस पीने से ये ग्रन्थियाँ सक्रिय बनती हैं। इसकी छाल दीपन है और जठर की भीतरी वायु को समाप्त करती है । इसकी छाल में से तेल निकलता है । इसके सेवन से आमाशय पुष्ट होता है ।
नोट – निर्बल यकृत वाले यदि नीम्बू का सेवन करते हैं तो उनके हाथ पैर में तनाव उत्पन्न होता है और निर्बलता बढ़ती है । इस पर भी यदि इसका सेवन जारी रहता है तो बुखार आता है ।
रोगो में Nimbu Khane Ke Fayde और Nimbu Pani Peene Ke Fayde (Lemon Benefits):
शारीरिक शक्ति की वृद्धि में फायदे –
उबलते हुए एक गिलास पानी में एक नींबू का रस निचोड़कर पीने के फायदे –
- प्रतिदिन पीने से शरीर के अंग – अंग में नई शक्ति अनुभव होने लगती है ।
- आँखों की रोशनी तेज हो जाती है ।
- मानसिक दुर्बलता , सिरदर्द और पुट्ठों में झटके लगना बन्द हो जाते हैं ।
- अधिक परिश्रम से भी थकावट नहीं आती ।
- इस पेय को बिना नमक या शक्कर मिलाए छोटे – छोटे घूँटों में पीना चाहिए । इसके नियमित सेवन से स्फूर्ति रहती । पथरी होने पर नीम्बू नहीं देना चाहिए ।
- विभिन्न रोगों से बचने , स्वास्थ्य और शक्ति प्राप्त करने के लिए नींबू का रस , विटामिन ‘ सी ‘ का भण्डार है । इसकी कमी से स्कर्वी , एनीमिया , हड्डी के जोड़ों की पीड़ा , रक्तम्नाव , दाँतों के रोग , पायरिया , कुकर खाँसी , दमा आदि रोग हो जाते हैं ।
रक्त की कमी में फायदे-
जिनके शरीर में रक्त की कमी हो , उन्हें नीम्बू और टमाटर का रस लाभ पहुँचाता है ।प्रोफेसर स्कमोल के अनुसार यदि थोड़ा सा नीम्बू नित्य सेवन किया जाए तो आयु बढ़ती है । इसका अधिक सेवन हानिकारक है । यदि आपके पाचनांग कार्य नहीं करते , भोजन नहीं पचता , पेट में गैस के कारण हृदय पर बोझ अनुभव होता है तो एक गिलास गर्म पानी में एक नींबू का रस मिलाकर बार – बार पीते रहने से पाचन अंगों की धुलाई हो जाती है । रक्त और शरीर के समस्त विषैले पदार्थ मूत्र द्वारा बाहर निकल जाते हैं ।
पेटदर्द में फायदे-
नींबू का रस 12 ग्राम , अदरक का रस और शहद 6-6 ग्राम मिलाकर जीरा भरकर गर्म करके चूसने से भी पेट का दर्द ठीक हो जाता है तथा उदर कृमि नष्ट । नीम्बू की फाँक में काला नमक , कालीमिर्च और जीरा भरकर गर्म करके चूसने से भी पेट का दर्द ठीक हो जाता है ।
भूख न लगने में फायदे-
नींबू और अदरक की चटनी का सेवन करना लाभप्रद है । मौसम के अनुसार धनिये की चटनी का सेवन करना भी लाभप्रद है ।
अजीर्ण , खट्टी डकारें आने में फायदे –
1 नीम्बू आधा गिलास पानी में निचोड़कर शक्कर मिलाकर नित्य पीएँ । अथवा 1 चम्मच अदरक का रस नीम्बू और सेंधा नमक एक गिलास पानी में मिलाकर पीए।
कब्ज सही करने में फायदे–
1 नींबू का रस 1 गिलास गर्म पानी के साथ रात्रि में सोते समय लेने से को दस्त खुलकर आता है । नीम्बू का रस और शक्कर 15-15 ग्राम लेकर 1 गिलास पानी में मिलाकर रात को पीने से भी कुछ दिनों में पुराना कब्ज दूर हो जाता है ।
दस्त रोकने में फायदे-
दूध में नींबू का रस निचोड़कर पीना लाभप्रद है । दस्त में मरोड़ हों , आँव आती हो तो नीम्बू का उपयोग करें । एक नींबू का रस 1 कप पानी में मिलाकर पीएँ । इस प्रकार यह प्रयोग एक दिन में 5 बार करें । अथवा एक बूँद नीम्बू का रस , एक चम्मच पानी , जरा – सा नमक और शक्कर मिलाकर नित्य 5 बार सेवन करने से भी दस्त बन्द होते हैं ।
संग्रहणी में फायदे-
नीम्बू को बीच में से काटकर मूँग के बराबर इसमें अफीम डालकर धागे से बाँधकर आग पर लटकार सेंककर नित्य तीन बार चूसें ।
वायुगोला का दर्द में फायदे-
6 ग्राम नींबू का रस आधा गिलास गर्म पानी में मिलाकर सेवन करें ।
पेचिश में फायदे-
आधा नींबू आधा गिलास पानी में निचोड़कर दिन में 3 बार पीना लाभकारी है । दूध में इसका रस निचोड़कर पीना भी लाभप्रद है ।
जी मिचलाना , उल्टी आना में फायदे-
जी मिचलाना आरम्भ होते ही नींबू का सेवन करना चाहिए । इससे उल्टी नहीं होती । इसमें शक्कर और कालीमिर्च दोनों भरकर चूसने से भी उल्टी बन्द होती है । .
शिशुओं की उल्टी में फायदे-
नींबू के रस की 5 बूँदें 3 चम्मच पानी में मिलाकर पिलाएँ । शिशु दूध नहीं उलटेगा ।
अम्लपित्त में फायदे-
नींबू अम्ल का नाश करने वाला है। नींबू का रस गर्म पानी में डालकर सायंकाल पीने से अम्लपित्त नष्ट हो जाता है।
सिर चकराना में फायदे–
यकृत की गड़बड़ी , पेट की गैस से चक्कर आना , दौरा पड़ता हो तो एक कप गर्म पानी में डेढ़ चम्मच नींबू का रस मिलाकर पीने से लाभ होता है ।
सिरदर्द में फायदे-
चाय में नीम्बू निचोड़कर पीना लाभप्रद है । नीम्बू की पत्तियों को कूटकर रस निकालकर रस सूँघना भी लाभप्रद है ।
दिल घबराना में फायदे-
दिल घबराने , छाती में जलन होने पर ठण्डे पानी में नींबू का रस मिलाकर पीना लाभकारी है । पतले – दुबले शरीर वाले लोग इसमें शक्कर भी मिला सकते है और टमाटर भी हृदय के लिए फायदेमंद होते है।
बबासीर में फायदे-
नींबू के रस को साफ – सुथरे महीने कपड़े से छानकर उसमें बराबर मात्रा में जैतून का तेल मिलाकर 2 ग्राम की मात्रा में ग्लिसरीन सिरिंज द्वारा रात के समय में प्रवेश कराते रहने से बबासीर की जलन , दर्द दूर हो जाती है । मस्से छोटे हो जाते हैं । पाखाना बिना कष्ट के आने लगता है । बबासीर में तेज दर्द व रक्तस्राव होने पर उपवास रखें और ताजे पानी में नींबू पीएँ । 4 कप अलग – अलग गाय के धारोष्ण दूध से भर लें । इनमें क्रमश : आधा – आधा नीम्बू का रस निचोड़कर पीते जाएँ । इस प्रयोग को मात्र 1 सप्ताह करने से प्रत्येक प्रकार की खूनी या वादी बबासीर नष्ट हो जाएगी ।
ज्वर में फायदे-
ज्वर जिसमें रोगी को बार – बार प्यास लगे , उबलते पानी में नीम्बू रस निचोड़कर 1 कप पानी में 2 चम्मच नींबू का रस पिलाने से ज्वर का तापमान गिर जाता है । 2 नीम्बू काटकर 250 ग्राम जल में उबालें । जब पानी आधा शेष रह जाए तब उतारकर छान लें । इसमें 2 ग्राम सेंधा नमक सेंककर मिलालें और पी जाएँ । इसी प्रकार दिन में 3 बार लें भोजन न करें । 2-3 दिन इस प्रयोग को करने से भी प्रत्येक प्रकार का ज्वर दूर हो जाता है ।
मलेरिया ज्वर में फायदे-
नमक , कालीमिर्च नीम्बू में भरकर गर्म करके चूसने से ज्वर की गर्मी दूर हो जाती है । 2 नींबू का रस 250 ग्राम पानी में मिलाकर मिट्टी की हाँडी में रात को उबालकर आधा शेष रहने पर रख दें । प्रातः समय इसे पीने से मलेरिया ज्वर आना बन्द हो जाता है ।
खाँसी , श्वास व ज्वर में फायदे-
नीम्बू में नमक , कालीमिर्च एवं शक्कर भरकर गर्म करके चूसें , लाभकारी है ।
उपदंश में फायदे-
स्त्री या पुरुष को उपदंश है या नहीं ? यह जानने के लिए रोगी के शरीर के किसी भाग पर नींबू का रस लगाओ । यदि नींबू का रस असहनीय प्रतीत हो तो पक्का समझ लें कि रोगी उपदंश से पीड़ित है ।
खाँसी – जुकाम में फायदे-
गुनगुने पानी में नीम्बू का रस निचोड़कर पीने से जुकाम ठीक हो जाता है । तेज जुकाम हो तो एक गिलास उबलते हुए पानी में 1 नीम्बू और इच्छानुसार शहद मिलाकर रात को सोते समय पीना लाभप्रद है ।
गला बैठना में फायदे-
ताजे या गर्म पानी में नींबू निचोड़कर नमक डालकर दिन में 3 बार गरारे करें ।
मोटापा में फायदे-
नींबू पानी पीने के लिये 1 नीम्बू , नमक 250 ग्राम पानी में मिलाकर निहार मुँह प्रातःकाल पीने से मोटापा कम होता है । यह प्रयोग लगातार 1-2 महीने करें । यदि शहद भी मिलाएँ तो और भी अच्छा है । शहद मिलाएँ तो नमक न मिलाएँ ।
मंजन बनाने में फायदे-
नीम्बू के छिलकों को धूप में सुखाकर पीस लें और मंजन के रूप में प्रयोग करें । इससे दात साफ रहेंगे और साँस की बदबू दूर होगी । नमक , सरसों का तेल और नींबू का रस मिलाकर नित्य मंजन करने से दाँत मजबूत होते हैं ।
पायोरिया हटाने में फायदे-
नींबू का रस और शहद मसूढ़ों पर मलते रहने से रक्त और पीप निकलना बन्द हो जाता है और दात मजबूत होते हैं ।
गठिया में फायदे-
गठिया की जनक यूरिक एसिड वात रोग को उत्पन्न करने वाली यूरिक एसिड का नाश नीम्बू से हो जाता है । यूरिक एसिड को नष्ट करने हेतु प्रातःकाल खाली पेट एक गिलास गर्म पानी में एक नीम्बू का रस तथा आधा चम्मच अदरक का रस मिलाकर सेवन करें । पेशाब के द्वारा शरीर में व्याप्त सारा विष निकल जाएगा और शरीर कंचन की भाँति चमकने लगेगा ।
कील , मुँहासे में फायदे-
नींबू के रस को 4 गुना ग्लिसरीन में मिलाकर चेहरे पर रगड़ने से कील – मुँहासे नष्ट होकर चेहरा सुन्दर हो जाता है । यदि इस प्रयोग को सम्पूर्ण शरीर पर किया जाए तो त्वचा कोमल और चिकनी हो जाती है । एक चम्मच गर्म दूध पर जमने वाली मलाई पर नीम्बू निचोड़कर चेहरे पर मलने से भी मुँहासे दूर हो जाते हैं ।
खुजली में फायदे-
नारियल के तेल में नीम्बू का रस मिलाकर मालिश करने से तथा नींबू चूसने से खुजली में लाभ होता है । यदि खुजली में दाने हों तो नींबू के रस को नारियल के तेल में गर्म करके लगाएँ । नीम्बू में फिटकरी भरकर खुजली से आक्रान्त भाग पर रगड़ें या गर्म पानी में इसका रस निचोड़कर स्नान करने से भी खुजली मिट जाती है ।
चर्म रोग में फायदे-
चर्म के समस्त रोग – फोड़ा , फुन्सी , दाद , खाज आदि में नींबू का रस लगाने या इसको निचोड़कर पानी में धोने या नहाने से लाभ होता है । प्रातःकाल 2 नींबू पानी में निचोड़कर नित्य पीने से भी यह कष्ट ठीक हो जाते हैं ।
दाग धब्बे में फायदे-
सूती , ऊनी , सिल्कन या टैरीन आदि कैसे भी कपड़ों पर नींबू का रस लगाकर मलने से दाग – धब्बे दूर हो जाते हैं ।
विषैले दंश में फायदे-
मच्छर काटने पर तेज दर्द हो तो उस पर नींबू का रस लगाएँ । नींबू का रस नमक के साथ मिलाकर लगाने से बिच्छू , मकड़ी , बर्र या मधुमक्खी के काटने के स्थान पर लगाना लाभप्रद है।
हृदय की दुर्बलता और रक्तचाप में फायदे –
हृदय की कमजोरी दूर करने के लिए नींबू में विशेष गुण है । इसके निरन्तर प्रयोग से रक्त वाहिनियों में लचक और कोमलतालंगाना भाज आ जाती है और इनकी कठोरता दूर हो जाती है । इसलिए हाई ब्लडप्रेशर जैसे रोगों को दूर करने में नींबू उपयोगी है । इससे बुढ़ापे तक हृदय शक्तिशाली बना रहता है एवं हार्ट फेल होने का भय नहीं रहता ।
रक्त आने पर में फायदे –
फेफड़े , आमाशय , गुर्दा , गर्भाशय और मूत्राशय स रक्त आने पर नींबू का रस ठण्डे पानी में मिलाकर दिन में 3 बार पीते रहने से रक्तस्राव बन्द होता है ।
जोड़ों का दर्द व सूजन सही करने में फायदे –
जोड़ों पर नींबू का रस मलते रहने से जोड़ों का दर्द और सूजन दूर हो जाती है । नींबू का रस आमाशय , आर्ता और रक्त की अम्लता की अधिकता को कम कर देता है जिससे जोड़ों का दर्द , स्नायु का दर्द, बहुत अधिक कमजोरी आदि रोग दूर होते हैं ।
गठिया के रोग में फायदे-
एक गिलास पानी में नींबू निचोड़कर नित्य प्रातः पीते रहने से गठिया में लाभ होता है ।
पेशाब रुक जाना में फायदे –
नींबू के बीजों को पीसकर नाभि पर रखकर ठण्डा पानी डालें । इस प्रयोग से मूत्र की रुकावट दूर होगी ।
बाल काले करने में फायदे –
नींबू के रस में पिसा हुआ सूखा आँवला मिलाकर सफेद बालों पर लेप करने से बाल काले होते हैं । इस प्रयोग से बालों के अन्य रोग भी ठीक हो जाते हैं ।
बाल झड़ना में फायदे-
स्नान से पूर्व नींबू के रस से सिर में मालिश करने से बालों का पकना व गिरना दूर हो जाता है । इस प्रयोग से जुएँ भी नष्ट हो जाती हैं । रात को सोते समय नारियल के तेल में नींबू का रस मिलाकर सिर में मलें ।
बाल में फरास ( Dandruff) में फायदे-
नारियल के तेल में नींबू का रस मिलाकर रात को बालों की जड़ों में लगाएँ । लाभप्रद है । नींबू के रस को पानी में मिलाकर सिर धोने से बाल मुलायम होते हैं । नींबू को काटकर सिर में रगड़ें और रस सूखने दें , फिर धोएँ । इससे फरास दूर होती है ।
चेहरे पर धब्बे में फायदे-
नींबू के रस में समुद्र का झाग पीसकर मिलालें । रात के समय चेहरे के धब्बों पर इसे लगाएँ । कुछ दिनों के प्रयोग से धब्बे साफ हो जाएँगे । समुद्र का झाग न मिलने पर केवल नींबू का रस दूध की मलाई में मिलाकर लगाना लाभप्रद है ।
रक्त शुद्धि हेतु फायदे –
नींबू गर्म पानी में मिलाकर नींबू पानी बना लें और नित्य 3 बार पीना चाहिए । पानी चाय की तरह गर्म होना चाहिए । रक्तशुद्धता हेतु लाभप्रद है ।
दाद में फायदे-
दाद को खुजलाकर दिन में 4 बार नींबू का रस लगाने से दाद ठीक हो जाता है ।
जुकाम में फायदे-
1 नीम्बू मोटे कपड़े में लपेटकर ऊपर से मिट्टी का लेप करके भूभल में सेकें । तदुपरान्त इसे निकालकर गर्म ही चूसे लें । इस प्रयोग से जुकाम शीघ्र दूर हो जाता है ।
दाँतों की सफाई में फायदे-
नींबू का एक छोटा – सा टुकड़ा लेकर नित्य दाँतों पर मलें । इस प्रयोग से दाँत मोती जैसे चमकने लगेंगे ।
स्कर्वी , पायरिया , छाले व गले का दर्द में फायदे-
इन कष्टों को ठीक करने के लिए 4-5 नीम्बू का सेवन प्रतिदिन करें तथा नींबू का रस मसूढ़ों पर मलें । गर्म पानी में निचोड़कर कुल्ले करें ।
नींबू पानी से तिल्ली का उपचार में फायदे-
1 गिलास पानी में 1 नींबू निचोड़कर नींबू पानी पीएँ । इस प्रकार 3 बार रोजाना नींबू पानी पीएँ । नींबू पानी पीने से तिल्ली की सूजन ठीक हो जाती है ।
ज्वर में फायदे-
चाहे मलेरिया हो , मौसमी ज्वर हो या ज्वर बहुत कम हो या ज्वर आने के 2 घण्टे पूर्व कालीमिर्च , नमक और फिटकरी समान मात्रा में पीसकर आधे नींबू पर डालकर चूसें । इसे को गर्म न करें और दूसरा आधा टुकड़ा इसी प्रकार 1 घण्टे के बाद चूसें । मलेरिया बुखार ठीक हो जाएगा और मौसमी ज्वर भी ठीक हो जाएगा ।
तेलाक्त बाल में फायदे-
यदि बाल तेलाक्त हैं तो एक गिलास पानी में एक नीम्बू निचोड़े इस पानी से सिर धोवें और बालों को रगड़ें । इस प्रयोग से बाल सूखे व साफ हो जाएँगे ।
बाल उड़ना में फायदे-
सिर पर यदि कहीं से बालों का गुच्छा या चकत्ता उड़ गया हो तो वहाँ पर नित्य लगातार 1-2 महीने नीम्बू रगड़ते रहना चाहिए । इस प्रयोग से वहाँ बाल उग आएँगे ।
हिस्टीरिया में फायदे-
गर्म पानी में नींबू , नमक , जीरा , भुनी हुई हींग और पोदीना मिलाकर नित्य कम – से – कम एक माह तक सेवन करें ।
मोतियाबिन्द में फायदे-
छोटी मक्खी का शहद 9 भाग , अदरक का रस , नींबू का रस और सफेद प्याज का रस प्रत्येक 1-1 भाग सभी को मिलाकर और छानकर 1-1 बूँद सुबह – शाम दिन में 2 बार लम्बे समय तक आँखों में डालते रहने से मोतियाबिन्द दूर हो जाएगा ।
खूनी बबासीर में फायदे-
250 ग्राम धारोष्ण दूध में आधा नीम्बू निचोड़कर तुरन्त पी जाएँ , लाभ होगा । यदि धारोष्ण दूध उपलब्ध न हो तो गर्म दूध उपयोग में ले सकते हैं ।
दाँत दर्द में फायदे-
एक नींबू के 4 टुकड़े करके उन पर नमक डालकर एक के बाद एक गर्म करते जाएँ और 1-1 टुकड़ों को क्रमशः दुखते दाँत – दाढ़ पर रखकर दबाएँ । इस प्रकार एक के बाद एक चारों टुकड़े दबाएँ । इस प्रयोग से दाँत दर्द में लाभ होगा ।
तैलीय त्वचा में फायदे-
तैलीय त्वचा पर दाग , धब्बे अधिक होते हैं तथा मुँहासे अधिक निकलते हैं । तैलीय त्वचा वाले स्त्री – पुरुषों को नित्य दो बार साबुन लगाकर चेहरा धोना चाहिए । चेहरे पर नींबू रगड़ने से तैलीय त्वचा में लाभ होता है ।
मिरगी में फायदे-
जरा सी हींग नीम्बू के साथ चूसने से लाभ होता है ।
मधुमेह की प्यास में फायदे-
डायबिटीज रोग में प्यास अधिक होने पर पानी में नीम्बू निचोड़कर पीने से लाभ होता है ।
दमा में फायदे-
दमा का दौरा पड़ने पर गर्म पानी में नींबू निचोड़कर पिलाने से लाभ होता है । दमा के रोगी को नित्य प्रातः 1 नींबू 2 चम्मच शहद और चम्मच अदरक का रस एक कप गर्म पानी में पीते रहने से बहुत लाभ होता है ।
यक्ष्मा में फायदे-
जिसे लगातार ज्वर रहता हो , उसे तुलसी की पत्ती , स्वादानुसार नमक , जीरा , हींग , एक गिलास गर्म पानी 25 ग्राम नींबू का रस मिलाकर 3 बार नित्य कुछ दिनों तक पीना चाहिए ।
हैजा में फायदे-
गर्म पानी में नमक और नींबू का रस मिलाकर पिलाएँ । उल्टी हो जाने पर फिर पिलाएँ । जब उल्टी हो पिलाते रहें । पेट की सफाई हो जाएगी और रोगी अच्छा हो जाएगा । हैजे के दिनों में इनका अचार खाने से हैजा तथा संक्रमण रोग घटता है । नित्य इनके सेवन करने से हैजे से बचाव होता है । पित्त शमन होता है । इसे गर्म करके चीनी लगाकर चूसना , जी मिचलाने और हैजे में उपयोगी है । नीम्बू , प्याज का रस , चीनी और पानी मिलाकर पीने से हैजे में लाभ होता है । इनका रस 1 भाग , हरा पोदीना और प्याज का रस आधा – आधा भाग मिलाकर पीने से भी लाभ होता है ।
नोट – सामान्य खाँसी वाले नीम्बू का सेवन न करें । खट्टी चीजें सेवन करने से खाँसी बढ़ती है । पैर के जोड़ों के दर्द में , गले के टॉन्सिल , पेट में घाव में भी सेवन नहीं करना चाहिए । ऐसे लोग भी प्रयोग सावधानीपूर्वक करें जिन्हें इसके प्रयोग से चक्कर आते हों या निम्न रक्तचाप हो जाता है ।
यकृत की प्रत्येक प्रकार की बीमारियों में नीम्बू लाभदायक है । दाल , सब्जी , शिकंजी हर चीज में अधिक – से – अधिक लें ।
नींबू का सिरका के फायदे –
अच्छे पके हुए 20 नींबू लेकर कलई वाली कड़ाही में उनका रस निकालें । फिर उसमें 400 gm शर्करा डालकर शहद जैसा गाढ़ा बनाएँ । तदुपरान्त उसमें 10 gm इलायची के दाने का चूर्ण डालकर बोतल में भरकर मजबूत डॉट लगा दे और प्रत्येक सप्ताह उसे छानते रहें । यह सिरका पित्त प्रकोप दूर करता है , खाँसी मिटाता है और रुचि उत्पन्न करता है ।
नींबू का मुरब्बा के फायदे –
400 gm अच्छे पके नींबू लेकर उनके ऊपर की छाल निकाल डालें । 4 लीटर दूध और 1 लीटर पानी लेकर उसमें इन नीम्बूओ को भिगोकर रखें । इसके बाद जरा सुखाकर पुनः ऊपरी छिलका निकाल दें । फिर 1.2kg शर्करा लेकर उसकी चासनी बनाएँ । उस चासनी में इन नीम्बूओं को छेद करके डाल दें । ठण्डा होने पर काँच या चीनी मिट्टी के बर्तन में भरकर उसका मुँह कपड़े से बाँध दें । इस प्रकार 3 माह तक रख छोड़ने से नींबू का मुरब्बा तैयार होगा । यह मुरब्बा 10-20 gm खाने से पित्त प्रकोप शान्त होता है । पित्त – विकार पर यह मुरब्बा लाभप्रद है ।
नींबू के विभिन्न शर्बत के फायदे –
अच्छे पके हुए नींबू लेकर उनमें से कलई वाली – कड़ाही में 400gm रस निकालें । उसमें 1kg चीनी डालकर उबालें । चासनी बनने पर शरबत बनाएँ और गर्म – गर्म शर्बत को कपड़े से छान लें । ठण्डा होने पर बोतल में भर लें । यह शर्बत सवा तोला से डेढ़ तोला तक लेकर पानी मिलाकर पीने से गर्मी की व्याकुलता , अपच , उबकाई , अरुचि , उल्टी , मन्दाग्नि और रक्त विकार मिटाता है एवं पित्त प्रकोप तुरन्त शान्त होता है । इस शरबत के और भी बहुत फायदे है।
नीम्बू का रस 800gm , अदरक का रस 400gm , सेंधा नमक और काला नमक 20gm , हींग आधा तोला और शक्कर 800gm लेकर कलई वाली कड़ाही में उबालें । 3 उफान आने पर नीचे उतार लें और कपड़े से गर्म – गर्म ही छानें । ठण्डा होने पर बोतलों में भर लें । यह शरबत आधा तोला तक 100 mg कपूर और 30-40 gm पानी मिलाकर पीने से अपच , अपचजन्य अतिसार , हैजा , पेचिश , अरुचि , मन्दाग्नि , मलावरोध , उदरशूल , वमन और उदरकृमि आदि को दूर करता है । इस शर्बत के सेवन से भूख अच्छी लगती है ।
नींबू का रस 1 हिस्सा और शक्कर की चासनी 6 हिस्सा लेकर उसमें लौंग और कालीमिर्च का थोड़ा चूर्ण डालकर , शर्बत बना कर पीने से जठराग्नि प्रदीप्त होती है । रुचि उत्त्पन्न होती है और आहार का पाचन होता है ।
नींबू का आचार के फायदे –
अक्सर लोग सोच लेते है की आचार खाने से फायदे नहीं होते है बल्कि नुकसान होते है। किन्तु ये पूर्णतया सत्य नहीं है। आचार खाने के अनेको फायदे भी होते है। नींबू को काटकर उसके 4 टुकड़े करें । उनको काँच के बर्तन में भरकर उस पर नमक , कालीमिर्च और सोंठ का चूर्ण डालकर धूप में रख दें । नमक के संयोग से कुछ ही दिनों में ये गल जाएँगें । इन नीम्बूओं को खाने से अजीर्ण , मुँह की लार और विरसता दूर होती है ।
एक मटके में नीम्बू और नमक स्तर बनाकर रखें । इनको दबाएँ और अच्छी तरह खमीर उठाएँ । फिर उनमें से 1-1 निकालकर खाने से अजीर्ण दूर होती है । जठराग्नि प्रदीप्त होती है । मुँह जायकेदार बनता है । नीम्बू का अचार खाने या शर्बत पीने से मिष्ठान या घी वाले पदार्थ खाने से होने वाली अपच की तकलीफ शीघ्र ही दूर होती है ।
नीम्बू रस के फायदे – औषधि गुण के सरल प्रयोग:
नीम्बू को काटकर उस पर सेंधा नमक छिड़ककर भोजन के पूर्व चूसने से अजीर्ण मिटता है ।
नीम्बू को आड़ा काटकर 2 फॉक करके , उस पर थोड़ी सोंठ और सेंधा नमक डालकर अंगारें पर रखकर , खदकाकर रस चूसने से अजीर्णजन्य उल्टी , खट्टी डकारें , पेट का फूल जाना आदि अजीर्ण के विकार मिटते हैं ।
आधा लीटर पानी में 1 पके हुए नीम्बू का रस निचोड़कर उसमें आधा तोला शक्कर मिलाकर प्रतिदिन दोपहर को भोजन से आधा घंटा पहले पीएँ । यह प्रयोग एकाघ महीने तक लगातार जारी रखने से अम्लपित्त मिटता है । यह पेय भोजन के बाद न पीएँ अन्यथा जठर का रस अधिक खट्टा होता है और अम्लपित्त में वृद्धि होती है ।
नीम्बू का थोड़ा रस 4-4 घण्टे के अन्तराल पर सेवन करने से आमवात और रक्तपित्त मिटते हैं ।
2 चम्मच नीम्बू का रस और 1 चम्मच अदरक का रस लेकर उसमें थोड़ी – सी शक्कर डालकर पीने से प्रत्येक प्रकार का पेट दर्द दूर होता है ।
यदि दूध न पचता हो या दूध पीने से पेट में गड़बड़ाहट होती हो तो प्रातः समय 1 पके हुए नीम्बू का रस पानी के साथ पीएँ । लाभप्रद है ।
एक चौथाई नीम्बू के रस में एक तोला शहद मिलाकर चाटने से भयंकर खाँसी भी मिटती है और दमा का आक्रमण भी तुरन्त रुक जाता है ।
नीम्बू के रस को पानी में मिलाकर उसमें कालीमिर्च का चूर्ण डालकर पीने से यकृत सम्बन्धी रोग मिटते हैं ।
नीम्बू के रस में जवाखार मिलाकर देने से पेशाब की जलन मिटती है और पेशाब बहुतायत से होता है ।
नीम्बू के रस में सेंधा नमक मिलाकर कुछ दिनों तक नियमित रूप से पीते रहने से पथरी गल जाती है ।
नीम्बू को काटकर 2 भाग करें । उसमें सेंधा नमक भर कर सुखा दें । सूख जाने पर पीसकर चूर्ण बना लें । इस चूर्ण के सेवन से वातरक्त और खुजली में लाभ होता है ।
नीम्बू के रस में थोड़ा – सा सज्जीखार मिलाकर कान में डालने से कान में से बहने वाला पीव बन्द होता है ।
नीम्बू के 200 gm रस में सरसों का या तिल का तेल मिलाकर अच्छी तरहउबालें । पकने पर छानकर बोतल में भर लें । उसमें से 2-2 बूंद कान में डालते रहने से कान का पीव , खुजली और कान की वेदना मिटती है एवं बहरेपन में भी लाभ होता है ।
नीम्बू के रस में इमली का बीज पीसकर लगाने से दाद मिटता है ।
नीम्बू का रस और सरसों या तिल का तेल समभाग में मिलाकर उसकी शरीर पर मालिश करने के बाद स्नान करने से एवं प्रतिदिन उपयोग में आने वाले कपड़े को गर्म पानी और साबुन से धोने से खुजली का रोग मिटता है ।
नीम्बू का रस और सरसों का तेल समभाग में मिलाकर लगाने से और बाद में दही रगड़कर धोने से कुछ ही दिनों में सिर का दारूणक रोग मिटता है । इस रोग में सिर छोटी – छोटी फुन्सियाँ होती हैं , खाज आती है और चमड़ी कठोर हो जाती है ।