दालचीनी खाने के बहुत फायदे होते है। इसको को अंग्रेजी में “Cinnamon” कहते हैं । दालचीनी(Dalchini) का उपयोग रोजाना मसालों में सुगंध एवं स्वाद के लिए किया जाता है यह मुँह की शुद्धि एवं गले की शुद्धि करती है। दालचीनी का उपयोग औषधि के रूप में भी किया जाता है इसके अनेको फायदे है और इसकी अनेक प्रकार की किस्मे पायी जाती है ।
दालचीनी पेड़ की छाल होती है। इसका पेड़ छोटा होता है और इसकी ऊंचाई 10-15 मीटर तक होती है। यह भारत के दक्षिण के इलाको में ज्यादा पाया जाता है। मुख्य रूप से इसका उपयोग मसालों के रूप में किया जाता है। गर्म मसाले में इसका प्रयोग बहुत किया जाता है।
दालचीनी के प्रकार :
मुख्य रूप से दालचीनी दो प्रकार की होती है – पतली और मोटी।
मोटी दालचीनी –
इसके गुण कुछ इस प्रकार है – लघु , उष्ण , तीखी , मधुर , कटु , रुक्ष और पित्तकारक है । यह कफ , वायु , खुजली , अपक्व रस और अरुचिनाशक एवं हृदयरोग , मूत्राशय के रोग , अर्श , कृमि , पीनस मिटाने वाली तथा वीर्यकारक है ।
पतली दालचीनी –
यह प्रकार मधुर , कड़वी , तीखी , सुगन्धित , वीर्यवर्धक , शरीर के रंग को सुधारने वाली एवं वायु , पित्त , मुखशोष और तृषा मिटाने वाली है ।
वैज्ञानिक मतानुसार – दालचीनी अत्यन्त उपयोगी और सुगन्धित औषधि है और इसको खाने के फायदे भी बहुत है। यह उष्ण , दीपन , पाचन , वातहर , स्तम्भन , गर्भाशय उत्तेजक , गर्भाशय संकोचक , रक्त में स्थित श्वेतकण बढ़ाने वाली और उत्तेजक है । यह जन्तुनाशक है और काला ज्वर , टायफाइड , टाइफस तथा अन्य संक्रामक रोगों का नाश करती है एवं उबकाई , उल्टी व अतिसार को मिटाती है । मूत्रल होने के कारण यह बस्ति के रोगों में उपयोगी है ।
नोट– इसको अत्यधिक मात्रा में या दीर्घकाल तक खाने से वीर्य शोषक सिद्ध होती है । अतः इसको अधिक नहीं खाना चाहिए ।
दालचीनी खाने के फायदे (Cinnamon Benefits In Hindi)-
तुतलाना में –
तुतलाना की बीमारी में या जब आवाज साफ़ न हो तो दालचीनी चबाइये इससे तुतलाना में लाभ होता है और गला भी साफ़ होता है।
वीर्यवर्धक में –
वीर्य की वृद्धि करने में दालचीनी के बहुत फायदे है। इसे बहुत ही बारीक पीसलें । 4-4 ग्राम सुबह व रात को सोते समय गरम दूध से फाँकें । इससे दूध पच जाता है और वीर्य की वृद्धि होती है ।
गैस से पेटदर्द में –
गलत खान पीन के कारण और अंग्रेजी दवाई के ज्यादा सेवन से या अन्य किसी वजह से जठराग्नि कमजोर हो जाती है। और जठराग्नि के कमजोर होने के कारण खाना ठीक से नहीं पच पाता है और गैस की समस्या उत्पन्न होती है। आज के समय में अनेक लोग गैस की समस्या से पीड़ित है तो वे दालचीनी का प्रयोग कर सकते है। यह गैस के कारण होने वाले पेट दर्द में और पाचन – शक्ति बढ़ाने में भी फायदे देती है।
दस्त में –
दस्त की बीमारी में मतलब जब पतला मल दिन में 2 से ज्यादा बार आता हो और पेट में मरोड़ होती हो तो आप नीचे दिए गए किसी भी एक प्रयोग को कर सकते है। और ये प्रयोग पेट के अन्य रोगों में भी फायदे देते है।
पहला प्रयोग :
दस्त की बीमारी में आप यह नुस्खा अजमा सकते है – 2 ग्राम बारीक पिसी हुई दालचीनी पानी के साथ खाने से दस्त आना बन्द हो जाते हैं।
दूसरा प्रयोग :
दालचीनी और कत्था समान मात्रा में लेकर पीसकर आधा चम्मच भर नित्य 3 बार खाने से भी दस्त बन्द हो जाते हैं ।
पित्त बनने के कारण उल्टी में –
कुछ लोगो को कड़वी स्वाद के साथ उलटी होती है तो ये उलटी अधिक पित्त होने के कारण होती है। पित्त बनने के कारण उल्टी में दालचीनी पीसकर शहद में मिलाकर चाटें इससे फायदा होता है।