मध्यकाल में भारतीय समाज की स्थिति कैसी थी (The state of Indian society during medieval period)
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मध्यकाल में भारतीय समाज की स्थिति
मध्यकाल काल को भारतीय इतिहास में स्वतंत्रता की हार और गुलामी का युग माना जाता है। इस काल में भारत पर मुस्लिम आक्रमणकारियों ने कब्जा कर लिया और देश को लूटा। इसके परिणामस्वरूप भारतीय समाज, संस्कृति और राजनीति में बड़े परिवर्तन आए। मध्यकाल में समाज में जाति व्यवस्था, रीति-रिवाज और परंपराएं बदल गईं।
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मध्यकालीन भारतीय समाज की विशेषताएँ
सामंतवादी व्यवस्था
- मध्यकाल में भारत में सामंतवादी व्यवस्था का उदय हुआ। सामंत अपनी जमीन के मालिक थे और किसानों-मजदूरों पर शोषण करते थे।
- किसान और मजदूर सामंतों के गुलाम बन गए। वे बेगार में काम करने को मजबूर थे।
- सामंतों के पास सेना और हथियार थे। वे आपस में लड़ाई करते थे।
जाति व्यवस्था
- मध्यकाल में जाति प्रथा अत्यधिक सख्त हो गई। उच्च जाति और निम्न जाति के बीच भेदभाव बढ़ा।
- दलितों और महिलाओं के साथ भेदभाव हुआ। उन्हें समाज में गौण स्थान दिया गया।
- वर्ण व्यवस्था और जाति प्रथा ने समाज में बंटवारा पैदा किया।
धार्मिक असहिष्णुता
- इस काल में धार्मिक असहिष्णुता फैली। हिंदू और मुसलमानों के बीच संघर्ष बढ़ा।
- मुस्लिम सम्राट मंदिरों को तोड़ते और हिंदू तीर्थों पर हमला करते थे।
- इससे हिंदू-मुस्लिम दंगे होते रहे। धार्मिक सद्भाव खत्म हो गया।
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मध्यकालीन समाज की विशेष बातें
कृषि प्रधान समाज
- मध्यकाल में अधिकांश लोग कृषि कार्य में लगे थे। कृषि मुख्य व्यवसाय था।
- किसान गरीब थे और सामंतों के शोषण का शिकार थे। कृषि उत्पादकता कम थी।
ग्रामीण समाज
- अधिकांश आबादी गाँवों में रहती थी। शहरीकरण कम था।
- ग्रामीण समाज में पंचायत व्यवस्था थी जो विवादों का निराकरण करती थी।
परिवार प्रधान समाज
- परिवार मुख्य सामाजिक संस्था थी। परिवार के सदस्य एक साथ रहते और काम करते थे।
- पितृसत्तात्मक परिवार व्यवस्था थी। स्त्रियों को कम महत्व दिया जाता था।
मध्यकालीन शिक्षा व्यवस्था
- मध्यकाल में शिक्षा व्यवस्था काफी ह्रास हुई। ज्ञान के केंद्र विनष्ट हो गए।
- हिंदू और बौद्ध विहारों को नष्ट किया गया। मदरसे खुले जहाँ इस्लामी शिक्षा दी जाती थी।
- साक्षरता स्तर बहुत कम था। शिक्षा सामान्य जन से दूर हो गई थी।
- केवल ऊँची जाति के लोग ही शिक्षा प्राप्त कर पाते थे। महिला शिक्षा लगभग समाप्त हो गई।
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निष्कर्ष : मध्यकाल में भारतीय समाज की स्थिति कैसी थी
इस प्रकार, मध्यकाल में भारतीय समाज में अनेक बुराइयाँ और कुरीतियाँ फैल गईं। सामाजिक व्यवस्था और मूल्य ढह गए। जाति व्यवस्था और धार्मिक असहिष्णुता ने समाज को विभाजित कर दिया। शिक्षा और स्त्री की स्थिति में गिरावट आई। फिर भी, भारतीय संस्कृति ने इस कठिन समय में भी अपनी जड़ें मजबूत रखीं।
मध्यकालीन भारतीय समाज पर प्रश्नोत्तरी (FAQs)
प्रश्न 1: मध्यकाल में भारतीय समाज की क्या विशेषता थी?
उत्तर: मध्यकाल में भारतीय समाज की प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार थीं :
*सामंतवादी व्यवस्था का प्रचलन
*कठोर जाति प्रथा
*धार्मिक असहिष्णुता का वातावरण
*कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था
*ग्रामीण और परिवार प्रधान समाज
*शिक्षा और साक्षरता में कमी
प्रश्न 2: मध्यकाल में स्त्रियों की स्थिति कैसी थी?
उत्तर: मध्यकाल में स्त्रियों की सामाजिक स्थिति बहुत खराब थी :
*स्त्रियों को पुरुषों से निम्न समझा जाता था
*उन्हें घर के कामों तक ही सीमित रखा जाता था
*शिक्षा और रोजगार से वंचित थीं
*बाल विवाह और सती प्रथा प्रचलित थी
*विधवा पुनर्विवाह की अनुमति नहीं थी
*कुल मिलाकर, स्त्रियों का समाज में गौण स्थान था
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